देहरादून: इस बार 22 मार्च से होलाष्टक (Holi) लग जाएगा और 28 मार्च तक रहेगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के दौरान गृह प्रवेश, शादी, मुंडन आदि शुभ कामों की मनाही होती है। होली और अष्टक इन दो शब्दों से मिलकर बना है होलाष्टक। यानी होली से आठ दिन पहले के समय को होलाष्टक कहा जाता है। इस बार 22 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा और 28 मार्च तक रहेगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के दौरान गृह प्रवेश, शादी, मुंडन आदि शुभ कामों की मनाही होती है।
होलाष्टक के बाद 28 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 29 मार्च को देशभर में रंगों की होली खेलकर धूमधाम से ये त्योहार मनाया जाएगा। यहां जानिए होलाष्टक से लेकर होली से जुड़ी सारी जानकारी। मान्यता है कि हिराण्यकश्यप ने अपने पुत्र को जान से मारने के उद्देश्य से आठ दिनों तक काफी प्रताड़ित किया था, लेकिन भगवान विष्णु की उस पर ऐसी कृपा थी कि वो हर बार बच जाता था। आठवें दिन प्रहलाद की बुआ होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठीं थीं।
होलिका को आग से न जलने का वरदान प्राप्त था। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद की जान फिर से बच गई और होलिका की मृत्यु हो गई। तब से हर साल होली से आठ दिन पहले होलाष्टक के समय किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता। लेकिन होलिका दहन करके बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाया जाता है। हालांकि ये समय भगवान विष्णु की आराधना का खास समय होता है।
499 साल बाद होली पर होगा दुर्लभ योग
इस बार की होली बेहद खास होगी। 499 साल बाद होली के मौके पर बहुत दुर्लभ योग बनने जा रहा है। 29 मार्च को पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, कन्या राशि में विराजमान रहेगा जबकि गुरु और शनि ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। ग्रहों का ऐसा संयोग 3 मार्च 1521 में बना था। इसके अलावा इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी, साथ ही इस दिन अमृतसिद्धि योग भी रहेगा।
शुभ मुहूर्त
होलिका दहन का दिन : 28 मार्च 2021
रंगों की होली खेलने का दिन : 29 मार्च 2021
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त : शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि शुरू : 28 मार्च सुबह 3 बजकर 27 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त : 29 मार्च रात 12 बजकर 17 मिनट पर