किसान आंदोलन: घर लौटे 80 फीसदी किसान, 15 दिसंबर तक खाली होंगे दिल्ली के बॉर्डर

दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसानों ने दिल्‍ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से जारी आंदोलन किसान आंदोलन को खत्‍म कर दिया है। दिल्‍ली की सीमा पर बैठे किसान अब अपने घर की ओर लौटने लगे हैं। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि वह सबके जाने के बाद ही यहां से जाएंगे। न्‍यूज एजेंसी ANI ने जन किसान आंदोलन के उपाध्यक्ष दीपक लांबा के हवाले से जानकारी दी है कि सिंघु बॉर्डर से करीब 80 फीसदी किसान वापस चले गए हैं, जबकि गाजीपुर बॉर्डर से करीब 50 फीसदी किसान अपने घरों की ओर लौटें हैं। टिकरी बॉर्डर पर भी 60 से 70 फीसदी किसान अपने घर की ओर लौट गए हैं।

 

राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि दिल्‍ली की सीमाओं से 15 दिसंबर तक सभी किसान वापस चले जाएंगे और सभी सड़कों को पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून को पूरी तरह से वापस लिए जाने और किसानों की सभी मांगों को मानने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्‍म करने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसान संगठनों ने शनिवार की सुबह से ही दिल्‍ली के बॉर्डर को खाली करना शुरू कर दिया था। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ किया कि वापसी के अभियान को पूरा होने में अभी चार-पांच दिन लगेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान 15 दिसंबर तक दिल्ली सीमा पर अपना आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली कर देंगे। उन्होंने कहा कि किसानों का पहला समूह शनिवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गया। इस बीच यहां के किसानों ने मिठाइयां बांटकर तीन कृषि कानूनों को निरस्त होने का जश्न मनाया।

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने अपने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है और अन्य समस्याओं को सुलझाने के लिए सहमत हो गई है। उन्होंने कहा कि रविवार को गाजीपुर बॉर्डर का एक बड़ा हिस्सा खाली कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इसे पूरी तरह से 15 दिसंबर तक खाली किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि वह सभी किसानों को भेजकर घर लौटेंगे।

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