लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चार चरणों का मतदान पूरा हो चुका है और अब पांचवें चरण की तैयारी है। सूबे की 232 सीटों पर वोट डाले चुके हैं और अब 171 विधानसभा चुनाव सीटों पर वोट डाले जाने हैं। इनमें से पांचवें चरण में 61 सीटों पर वोटिंग होगी। 27 फरवरी को 12 जिलों की इन सीटों पर मतदान होगा। अब जिस इलाके में चुनाव बढ़ रहा है, उसमें पूर्वाचल का एक बहुत बड़ा हिस्सा आता है। ये पहले ही माना जा रहा था कि बीजेपी के लिए इस बार पश्चिम में राहें आसान नहीं होंगी।
पश्चिमी यूपी में जो वोट पड़ा, उसके बाद जानकारों ने भी ऐसा ही माना है कि यहां बीजेपी के पक्ष में वोटिंग नहीं हुई है। इसीलिए अब सवाल ये है कि क्या पश्चिम में हुए नुकसान की भरपाई बीजेपी पूर्वांचल से कर पाएगी? पूरे पूर्वांचल में 130 विधानसभा की सीटें हैं। बीजेपी ने पिछली बार ही सिर्फ पश्चिम और पूर्वी यूपी से ही मिलकर यूपी में सरकार बना ली थी। यानी उसे बहुमत से ज्यादा सीटें मिल गई थीं। पूरे उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं, जिनमें से पूर्वांचल में 130 और पश्चिमी यूपी में 136 सीटें हैं। इन दोनों ही क्षेत्रों में विधानसभा की 266 सीटें हैं।
पूर्वांचल उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां से देश के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री दोनों आते हैं। देश को पांच-पांच प्रधानमंत्री दे चुका है पूर्वांचल। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार भी वो पूर्वांचल पर एकछत्र राज करेगी और उसे पूरा समर्थन मिलेगा, लेकिन अखिलेश की चुनावी रणनीति उसका समीकरण बिगाड़ सकती है।
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