देहरादून: एसटीएफ (STF) एवं साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड की देर रात भोपाल मध्य प्रदेश में दो संदिग्ध अभियुक्तों की धरपकड़। GLC प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी ऑनलाईन ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर 15 लाख की धोखाधडी करने वाले गिरोह के दो संदिग्ध अभियुक्त की गिरफ्तारी। पूर्व में विगत माह जनवरी में फरीदकोट पंजाब से एक अभियुक्त को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा विभिन्न आँनलाईन ट्रेडिग कम्पनियों की फर्जी साइट तैयार कर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क कर आँनलाईन ट्रेडिग में धनराशि लगाने व दुगना लाभ कमाने का लालच देकर करोडों रुपये की धोखाधडी की जा रही है । इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें शिकायतकर्ता अमित कुमार पुत्र रामेश्वर प्रसाद निवासी सुभाषनगर ज्वालापुर जनपद हरिद्वार हाल निवासी जनपद देहरादून के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा आंनलाईन ट्रैडिग कम्पनी GLC प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी की फर्जी साइट https://www.cjcmarkets.site/invite/esxt बनाकर शिकायतकर्ता से फोन के माध्यम से सम्पर्क कर ऑनलाईन ट्रेडिंग में धनराशि इन्वेस्ट करने व दुगना लाभ कमाने का लालच देकर शिकायतकर्ता से 15,00,000/- रुपये ( पन्द्रह लाख रुपये ) की धनराशि धोखाधड़ी से विभिन्न बैक खातो में प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 30/21 धारा 420,120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के सुपुर्द की गयी।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु घटित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि अभियुक्तो द्वारा अपने विदेशी सहअभियुक्तो कम्बडिया व हागंकाग निवासी के साथ मिलकर फर्जी वैबसाईट बनाकर वादी मुकदमा को सोना , मसाले व शराब की ऑनलाईन कारोबार का झांसा देकर ICICI व AU Small Finance Bank of India में गैलेक्सी वाइट कम्पनी के नाम से खाते खुलवाकर वादी मुकदमा से धोखाधडी की गयी
इस क्रम में माह जनवरी में फरीदकोट पंजाब से संदिग्ध अभियुक्त रोहित कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है ।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से विवेचना में प्रगित लाते हुए पहली बार उत्तराखण्ड़ राज्य में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के माध्यम से मनी लॉंडरिंग का राष्ट्रीय स्तर तथ्य उजागर किये है
इन तथ्यों के आधार पर दो संदिग्ध अभियुक्तो को कल रात भोपाल से एस0टी0एफ0 (STF) की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तार अभियुक्तों से लगभग दो दर्जन बैंक ATM कार्ड प्राप्त हुए जिनमें अनुमानित लगभग 15 लाख की धनराशि को फ्रीज किया गया तथा एक लग्जरी गाड़ी MG HECTOR (अनुमानित कीमत 21 लाख रुपये) को भी अभियोग में जब्त किया गया है
अभियुक्तों से पूछताछ पर महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त हुयी कि अभियुक्तों द्वारा अपने सहअभियुक्त के साथ मिलकर दर्जनों फर्जी बैंक खाते खुलवाये जाते थे तथा भारत से धनराशि इस एवज में भेजी जाती थी कि विदेशी फिल्मों को भारत में प्रसारित करने हेतु झूठे दस्तावेज बनाये जाते थे
अपराध का तरीका…..
पूर्व में फरीदकोट पंजाब से गिरफ्तार संदिग्ध अभियुक्त रोहित द्वारा द्वारा सर्वप्रथम फर्जी कम्पनियों के नाम पर अपने सहअभियुक्त के साथ मिलकर से खाता खुलवाकर फर्जी वैबसाईट बनाकर वादी मुकदमा को सोना , मसाला व शराब की ऑनलाईन कारोबार का लालच देकर अपने कंबोडिया व हागंकाग निवासी सहअभियुक्त के साथ मिलकर धोखाधडी की गयी तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि मे से कुछ धनराशि एटीएम मशीनो के माध्यम से निकालते थे व कुछ धनराशि Binance Wallet के माध्यम से USDT Currency में जमा कराते थे
इसके साथ ही आगे की धनराशि का गहनता से विश्लेषण किया गया तो भोपाल से गिरफ्तार संदिग्ध अभियुक्तों द्वारा धनराशि को आगे भारत से बाहर भेजा गया । गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा विदेशी फिल्मों को भारत में प्रसारित करनें हेतु भारत से बाहर पैसा भेजा जाता था । इस सम्बंध में स्टेट बैंक ऑफ मॉरीसस से प्राप्त दस्तावेजो के विश्लेषण से प्रथम दृष्टया हवाला ट्रांजेक्शन/ मनीलॉंडरिंग की पुष्टि हुई । गिरफ्तार संदिग्ध अभियुक्त रचित शर्मा द्वारा दो फिल्में प्रॉडूस की गई है जिनका नाम फरेब एंव लाईफ इन मुम्बई है तथा आधा दर्जन फिल्मों जैसे कि Vengeance of Zombies और Silent Night, Bloody Night के प्रसारण हेतु दस्तावेज बनाये गये है जो वर्तमान में जांच के दायरे में है।
गौरतलब है कि Vengeance of Zombies1973 की स्पेनिश फिल्म थी तथा Silent Night, Bloody Night 1972 की अमरीकी मूवी थी । इनका 2021 में प्रसारण (Screening) स्वंय ही सबसे बड़ा प्रशन चिन्ह है जिसको वेरीफाई किया जा रहा है जिसे पूछताश में अभियुक्तों द्वारा फिल्मों की स्क्रीनिंग प्रस्तावित है बताया गया है।