जम्मू: अमरनाथ गुफा (Amarnath Yatra) के करीब जब बादल फटा तो वहां पहले से ही बारिश हो रही थी। जैसे ही ऊपर से तेज बहाव में पानी आने की खबर लगी, वहां सुरक्षा के लिए मौजूद आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने कैंप (Camp) और टेंटों में मौजूद लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजना शुरु कर दिया। बाजार से दुकानदारों को भी पहले ही सुरक्षित स्थान पर भेज दिया था। अगर ऐसा नहीं होता तो नुकसान बहुत ज्यादा होता। अमरनाथ में बादल फटने के बाद हुए हादसे के बाद यात्रा को अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया है। भारतीय सेना के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
Baltal, J&K | Critically injured people were airlifted to Srinagar.2 people who were buried but were alive were rescued. We’re taking all precautionary steps.41 missing as per J&K police out of which some were rescued. Yatra may resume within a day or two: Kuldiep Singh, DG, CRPF pic.twitter.com/vDXqbqiPC1
— ANI (@ANI) July 9, 2022
इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता, विवेक पांडे के मुताबिक, हमारी (आईटीबीपी) की एक कंपनी गुफा के बेहद करीब सुरक्षा के लिए तैनात रहती है इसीलिए शुक्रवार की शाम 5.30 बजे बादल फटने के बाद जैसे ही तेज बहाव रुका, आईटीबीपी के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु कर दिया। शुक्रवार को 14 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा और शिवलिंग के दर्शन किए थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग यात्रा के रुट पर मौजूद थे। ऐसे में अगर समय से लोगों को चेतावनी नहीं दी होती तो नुकसान बहुत ज्यादा हो सकता था।
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