नई दिल्ली: जब राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के लिए उज्बेकिस्तान में ताशकंद का दौरा करेंगे, तो आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति एजेंडे में होने की संभावना है। 24 सितंबर को एससीओ (SCO) की बैठक एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगी क्योंकि रूस, चीन और पाकिस्तान सहित भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है। एससीओ के अन्य सदस्य कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और मेजबान उज्बेकिस्तान हैं।
समारोह के इतर द्विपक्षीय बैठकों के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन इस बात की संभावना नहीं है कि राजनाथ सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष ख्वाजा मोहम्मद आसिफ से मिलेंगे। राजनाथ सिंह बेशक रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से कई बार मिल चुके हैं, जिसमें मॉस्को में द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं।
भारत द्वारा अफगानिस्तान की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की संभावना है, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा तालिबान के कब्जे वाले काबुल के केंद्र में अल क्वेदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी के हमले के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण मुद्दा, पड़ोस में आतंकवाद। संयुक्त राष्ट्र, विशेषकर सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है। भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मौजूदा ढांचा 1945 में दुनिया को दर्शाता है और इसमें बदलाव जरूरी है। पांच स्थायी सदस्यों में से चार ने UNSC में भारत के शामिल होने की बात कही है। एससीओ (SCO) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की एक बैठक भी प्रस्तावित है। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद हो सकते हैं।
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