देहरादून: भारत परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध देश है, यहां महिलाओं का समाज में प्रमुख स्थान रहा है। आज के समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाएं देश के विकास में अहम कड़ी बनकर उभरी हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयास और स्पष्ट नीतियों के तहत तकनीक और व्यवसाय की ओर प्रोत्साहित कर इन्हे आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है। विशेषकर कृषि उद्योगों, बैंकिंग सेवाओं और डिजिटलीकरण की सहायता से महिलाओं के सामाजिक और वित्तीय सशक्तिकरण की शुरुआत की जा रही है। इस विकास की कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना क अहम रोल है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार मार्च 2022 तक मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 68 फीसदी महिलाएं शामिल हैं।
महिला सशक्तिकरण में मुद्रा योजना का बड़ा योगदान
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा योगदान चल रहा है और इस योजना के शुरू होने के बाद से महिला उद्यमियों के लिए स्वीकृत कुल ऋणों में से उन्हें करीब 68 प्रतिशत ऋण दिए जा चुके हैं। इस योजना के तहत देश में कुल स्वीकृत 34 करोड़ 28 लाख ऋणों के जरिए 18 लाख करोड़ से अधिक रुपए दिए जा चुके हैं। वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि महिला उद्यमियों के लिए कुल 23 करोड़ 27 लाख ऋण स्वीकृत किए गए और आठ लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी गई है।
छोटे कारोबार के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण
महिलाओं को सशक्त करने वाली यह योजना माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) लोन स्कीम भारत सरकार की एक पहल है, जो व्यक्तियों को छोटे कारोबार शुरू करने के लिए लोन प्रदान करती है। इसके तहत 3 लोन योजनाएं ऑफर की जाती हैं, जिनका नाम शिशु, किशोर और तरुण है। मुद्रा लोन योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रु. तक की लोन राशि प्रदान की जाती है। मुद्रा लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थानों को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है। इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है। इस योजना के शुरुआत से अब तक 30160 करोड़ रुपये 133,995 खाता धारकों को दिए गए। मुद्रा योजना के तहत छोटे- मोटे कारोबार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
अब तक 34 करोड़ लाभार्थी हुए लाभान्वित
अब तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सफल परिणाम देखने को मिले हैं। इसके अंतर्गत 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि के लगभग 34 करोड़ लाभार्थियों को ऋण वितरित किए गए हैं। यह योजना 2015 में शुरू की गई थी। सरकार द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार 23 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किए गए, जिनमें महिलाओं को सात लाख 65 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया जाना शामिल है।
कब शुरू हुआ मुद्रा योजनामुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के शुरू हुए सात वर्ष पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को इस योजना का शुभारम्भ किया था। इसका उद्देश्य गैर-निगमित और गैर-कृषि, लघु या सूक्ष्म उद्यमों को दस लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है। योजना की शुरुआत से अब तक 18 लाख साठ हजार करोड़ रुपये के 34 करोड 42 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। इस योजना से छोटे कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिली है और बिल्कुल निचले स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार अवसर सृजित हुए हैं।
इन क्षेत्रों के लिए ले सकते हैं मुद्रा लोन
इस c के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग, कृषि आदि से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से आय अर्जित कर सकें। पीएमएमवाई के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए टर्म लोन और कार्यशील पूंजी दोनों के लिए ऋण प्रदान किए जाते हैं। इसके तहत कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे- मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि सहित विनिर्माण व्यापार और सेवा क्षेत्रों में लोन दिए जाते हैं। सरकार द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिए पीएम मुद्रा लोन के अंतर्गत एक वार्षिक लक्ष्य रखा आवंटित किया जाता है। योजना के अंतर्गत कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए भी लोन प्रदान किया जाता है। इनमें ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा, ट्रॉली, माल परिवहन वाहन, तीन पहिया वाहन, ई-रिक्शा आदि के लिए लोन लिया जा सकता है।
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