Friday, June 20, 2025
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CM धामी ने सहस्त्रधारा रोड स्थित डांडा लखौड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नवनिर्मित

देहरादून: मुख्यमंत्री (CM) पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित डांडा लखौड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नवनिर्मित एफ.डी.ए. भवन व राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने औषधी परीक्षण प्रयोगशाला का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रदेश के फार्मा सेक्टर के लिए बहुत अहम दिन है। आज औषधि नियंत्रण संगठन एवं राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रख कर 6.56 करोड़ रुपये की लागत से एफ.डी.ए. भवन का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त 13.22 करोड़ रुपये की लागत से एफ.डी.ए. भवन में औषधि नमूनों की गुणवत्ता जांचने हेतु राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इस प्रयोगशाला में वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री (CM) ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में औषधि निर्माण और इस क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। इस दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में औषधि निर्माण की ईकाइयां लगातार बढ़ रही हैं। राज्य में लगभग 300 औषधि निर्माता कम्पनियां कार्य कर रही हैं। ये सभी इकाइयां अपने उत्पादन के जरिए हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रकृति प्रदत्त अनेक संपदाएं हैं। उत्तराखण्ड आयुष, योग धर्म एवं संस्कृति की भूमि तो है ही। अब उद्योगों की भूमि भी बन रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा औषधि निर्माता कंपनियों को हर संभव मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा, तब तक उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में फार्मा सेक्टर क्या योगदान दे सकता है, इस दिशा में ध्यान दिया जाए। उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में सबका योगदान जरूरी है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में औषधि निर्माता कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। दवा कंपनियों को लाइसेंस लेने में दिक्कतें न हो इसकी लिए ऑनलाईन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। 2024 तक राज्य को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ब्लड डोनेशन एवं संस्थागत प्रसव में उत्तराखण्ड श्रेष्ठ राज्यों में है।

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