दिल्ली: महाराष्ट्र के नागपुर जिले को बीजेपी का गढ़ माना जाता है और बीजेपी (BJP) के इस किले में कांग्रेस ने पंचायत समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों के चुनावों में दबदबा बना लिया है। कांग्रेस ने जिले में अध्यक्ष के 13 में से नौ और उपाध्यक्ष के 13 में से आठ पदों पर जीत दर्ज की। इसके साथ ही राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) ने अध्यक्ष के तीन पदों पर जीत हासिल की और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को एक सीट पर जीत मिली। वहीं इस चुनाव में बीजेपी को उपाध्यक्ष की तीन सीटों पर जीत मिली और अध्यक्ष का एक भी पद नहीं जीत सकी।
कांग्रेस ने सौनेर, कलमेश्वर, परसिवनी, मौंडा, कैम्पटी, उमरेड, भिवापुर, कुही और नागपुर ग्रामीण पंचायत समितियों में अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की। इसके अलावा एनसीपी ने काटोल, नरखेड़ और हिंगना में और शिंदे सेना ने रामटेक में जीत हासिल की। नागपुर से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के पूर्व मंत्री नितिन राउत ने पार्टी की इस जीता का श्रेय पिछले तीन सालों में जमीनी स्तर पर हुए अच्छे काम को दिया, जिसमें महा विकास अघाड़ी सरकार का कार्यकाल भी शामिल है।
कांग्रेस ने उस जिले में जीत की है जहां आरएसएस का मुख्यालय है और जहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता आते । यह जीत निस्संदेह पार्टी के लिए शर्मनाक है। क्योंकि इस जिले से ही बीजेपी (BJP) के दिग्गजों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले शामिल हैं। वहीं कांग्रेस की इस जीत पर महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख बावनकुले ने कहा कि नागपुर के नतीजों को देखना गलत होगा। अगर कांग्रेस अपनी सफलता को आम चुनाव के नतीजे के तौर पर दिखाना चाहती है तो ऐसा नहीं है।
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