लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार शराब (liquor) और शीरे (molasses) के खेल पर नकेल कसने जा रही है। सरकार एल्कोहल के दुरुपयोग को रोकने के लिए नई आबकारी नीति लाएगी । इसमें चीनी मिलों, देसी शराब बनाने वाली डिस्टिलरी के लिए नियम-शर्तें तय की जाएंगी, ताकि गन्ने से बनने वाली शराब का बेजा इस्तेमाल न हो। यूपी कैबिनेट द्वारा मंजूर नई शीरा नीति 2022-23 (UP molasses policy 2022-23) में इसका ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने चीनी मिलों (Sugar Mill) में पेराई वाले गन्ने से बनने वाली शराब के दुरुपयोग पर ध्यान दिया है। नई शीरा नीति में हर चीनी मिल को पेराई से मिलने वाले सी हैवी शीरा के टर्म में कुल शीरा उत्पादन का 20 फीसदी रिजर्व रखना होगा। शीरा की बेहद मांग को देखते हुए एक्सपोर्ट पर भी कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं। उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई की 158 चीनी मिलें हैं। इन चीनी मिलों में से 28 उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ की, 23 उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की, तीन चीनी मिलें केंद्र सरकार और 104 निजी कंपनियों की हैं।
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