उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में एनटीपीसी की टीम तपोवन नहर के अंदर 135 मीटर तक पहुंच गई है। टीम ने नहर के अंदर से कई शवों को बरामद किया है।
देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य के दौरान एनटीपीसी की टीम तपोवन नहर के अंदर 135 मीटर तक पहुंच गई है। टीम को नहर के अंदर से कई शव मिले है। इसके बाद भी और शव मिल रहे हैं। इन शवों को मृतकों के परिजनों को लौटाया जा रहा है।
एनटीपीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर उज्जवल भट्टाचार्य ने बताया कि तपोवन में नहर के अंदर रेसक्यू टीम पहुच गई हैं और शवों को बरामद कर रही है। टीम को नहर के अंदर लगातार शव मिल रहे हैं। शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है।
तपोवन टनल में हम लोग अभी 135 मीटर तक पहुंच गए हैं। 10-15 मीटर तक और मलबा साफ करने बाद पानी निकलने लगेगा। हमें उम्मीद है हम लोग जल्दी टनल में और आगे बढ़ते जाएंगे: उज्जवल भट्टाचार्य, NTPC के परियोजना निदेशक pic.twitter.com/sQMnH7xkHA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 15, 2021
उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर रिस्पॉस फोर्स (SDRF) ने चमोली जिले के राइनी गांव में वाटर अलार्मिंग सिस्टम लगाया है, जो बाढ़ आने पर गांव के लोगों सूचित करेगा। फिलहाल रात में गांव के आसपास जल स्तर बढ़ने का पता चलने से किसी दुर्घटना से बचा जा सकता है।
जिला प्रशासन ने बताया कि तपोवन सुरंग से सोमवार को तीन शव बरामद किए गए हैं। सुरंग में फंसे करीब 35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना समेत कई एजेंसियां संयुक्त रूप से राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं।
ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन- विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की इस सुरंग में कई लोग कार्य कर रहे थे। निर्माणाधीन तपोवन- विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा, रैणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी। अब तक चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से कुल 54 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 150 अन्य अभी भी लापता हैं।
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