Friday, February 7, 2025
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शावको की मौत सफारी प्रशासन की लापरवाही का नतीजा: अखिलेश यादव

इटावा। इटावा लायन सफारी (Etawah Lion Safari) में तीन शावको की मौत से खिन्न समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सफारी प्रबंधन को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा कि शावकों की मौत सफारी प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है और ऐसे अनुभवहीन और अदक्ष नेतृत्व को बदले जाने की जरूरत है।  यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार शाम ट्वीट किया “ इटावा लॉयन सफ़ारी में तीन शावकों की दुखद मौत की ज़िम्मेदारी तत्काल निर्धारित हो।अनुभवहीन-अदक्ष नेतृत्व को बदला जाए क्योंकि गर्भवस्था की पूर्वसूचना के बाद भी देखरेख में लापरवाही बरती गयी। न तो प्रक्रिया का पालन किया गया, न आईवीआरआई बरेली व सीजेडए को बताकर पोस्टमार्टम व अंतिम क्रिया हुई।”

सपा प्रमुख ने उस समय ट्वीट किया जब सफारी प्रबंधन सफारी में तीन शावको की मौत को छुपाने में जुटा हुआ था। इटावा सफारी पार्क में छह जुलाई को दोपहर एक बजकर 53 पर सोना नामक शेरनी ने पहली दफा एक शावक को जन्म दिया जिसके बाद करीब 77 घंटे तक शेरनी बच्चों को जन्म देती रही है इसी कड़ी में पांच बच्चों का जन्म हुआ लेकिन इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई । सफारी प्रबंधन ने हालांकि तीन शावकों की मौत की पुष्टि नहीं की है जबकि पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज गुप्ता इस बात की तस्दीक की कि उन्होंने इटावा सफारी पार्क में 3 शावको का पोस्टमार्टम कराया है। सफारी सूत्र बताते हैं कि इटावा सफारी पार्क की नई निदेशक श्रीमती दीक्षा भंडारी ने चार जुलाई को पदभार ग्रहण किया और वह सात जुलाई को अवकाश पर चली गई हैं जो 13 जुलाई तक अवकाश पर है।

सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विश्व प्रसिद्ध लायन सफारी (Etawah Lion Safari) की स्थापना करवाई है लेकिन वन और सफारी अधिकारी जानबूझकर के सफारी को बर्बाद करने पर अमादा है, तीन शावकों की मौत को छुपाना बड़ा गंभीर अपराध बनता है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने कहा कि दो शावक तो मृत ही पैदा हुए थे। दो काफी कमजोर थे। उनमें से भी एक को बचा लिया गया है। सबसे पहला शावक भी स्वस्थ है। डॉक्टरों की निगरानी में लगातार पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी गई। हमारी पहली कोशिश ये है कि शेरनी स्वस्थ रहे और बचे हुए दोनों शावक भी। उसके बाद जो इतनी लंबी प्रसव प्रक्रिया चली, उसके बारे में अध्ययन हो, तभी आगे कुछ कहा जा सकता है।

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