लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शनिवार को व्यापारियों एवं उद्यमियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के पूर्व प्रारंभिक जांच कराए जाने की अनिवार्यता के आदेश दिये गये हैं। इसके बाद प्रदेश में उद्यमियों व व्यापारियों को परेशान करने एवं अनावश्यक दबाव बनाने के लिए आए दिन फर्जी एफआईआर दर्ज कराने की शिकायतों में कमी आएगी। अब किसी भी व्यक्ति के द्वारा व्यापारियों व उद्यमियों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकेगी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक मामले में दिए गए निर्देश का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि प्रदेश के विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में किसी प्रकार का अवरोध न उत्पन्न हो तथा किसी भी उद्यमी, व्यापारी, शैक्षिक संस्था, चिकित्सालय, भवन निर्माता, होटल/रेस्टोरेंट इत्यादि से संबंधित मालिक तथा प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों का किसी प्रकार से उत्पीड़न न होने पाए इसके लिए शासन योगी सरकार दृढ़ संकल्पित है।
उत्तर प्रदेश में उद्यम और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने इससे पहले भी कई सुधारात्मक कदम उठाये हैं, जिनमें प्रदेश में उद्योग धंधे लगाने के लिए 25 नई पॉलिसी मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में लागू की गई है। मुख्यमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में देश और दुनिया के उद्योगपतियों ने 36 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव रखा है।
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