Thursday, November 21, 2024
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33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट की मंजूरी, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

देहरादून: 17 सितंबर को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई दलों ने सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की जोरदार हिमायत की थी, जिस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि वह उपयुक्त समय पर निर्णय लेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार शाम को हुई बैठक में संसद में 33% महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में डेढ़ घंटे तक चली कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते बुधवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह भी बताया कि महिला आरक्षण बिल को मंजूरी देने के मद्देनजर पीएम मोदी को धन्यवाद देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली-एनसीआर से हजारों महिलाओं को दिल्ली लाने की योजना बना रही है। इस बीच, कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक पर कैबिनेट के निर्णय को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है।

हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी।”सर्वदलीय बैठक महिला आरक्षण बिल पर जोर दरअसल, रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई दलों ने सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की जोरदार हिमायत की थी, जिस पर सरकार ने कहा था कि वह उपयुक्त समय पर निर्णय लेगी।

सभी दलों ने उठाई थी महिला आरक्षण बिल की मांग
बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण की जोरदार वकालत की गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की इस मांग में उनका साथ दिया। इतना ही नहीं, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से आग्रह किया कि संसद की कार्यवाही नई इमारत में स्थानांतरित होने के महत्वपूर्ण अवसर पर महिला आरक्षण विधेयक पारित कर इतिहास रचा जाए।

बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी में महिला सांसदों की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या का उल्लेख किया और उसने महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक की आवश्यकता का समर्थन किया। सर्वदलीय बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नए संसद भवन से एक नए युग की शुरुआत होनी चाहिए और महिला आरक्षण विधेयक पारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस विचार के बड़े समर्थक हैं। राकांपा नेता पटेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह विधेयक आम सहमति से पारित हो जाएगा।

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