देहरादून: एक ओर कोरोना संक्रमण Corona Virus काल में डॉक्टर भगवान का रूप बने हैं। कोरोना मरीजों की देखभाल में दिन-रात लगे हैं। वहीं देहरादून जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून अस्पताल में इसका दूसरा पहलू भी दिखा। अस्पताल के स्टाफ ने मानवता को तार-तार कर दिया एंबुलेंस से दून अस्पताल आई महिला को अस्पताल के स्टाफ ने एंबुलेंस से उतरते हुए पकड़ा नहीं तो वह नीचे गिर गई। जिसके चलते महिला के सिर पर हल्की चोट भी लग गई। हालांकि परिजनों के गुहार लगाने के बाद चिकित्सकों की टीम ने इमरजेंसी में महिला का उपचार किया। आंख का इलाज कराने दून अस्पताल आए बुजुर्ग का इलाज न होने से वह दिन भर परेशान रहा।
इतना ही नहीं रहने का ठिकाना न होने के चलते भी उसकी परेशानी दोगुनी हो गई। सुबह करीब 11 बजकर 20 मिनट में परिवार संग उत्तरकाशी से आए दीपलाल ने बताया कि वह आंख का इलाज कराने दून अस्पताल आए थे। लेकिन मंगलवार को जल्दी छुट्टी होने के चलते उनका इलाज नहीं हो पाया। दीपलाल अपनी पत्नी कालीदेवी और दो बच्चों के साथ अस्पताल आए थे।
टीका उत्सव के तीसरे दिन दून अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगाने आए लोगों के मायूसी हाथ लगी। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे तक ऑनलाइन सर्वर न चलने से लोगों को बिना टीका लगवाए ही लौटना पड़ा। 10 बजे के बाद सर्वर चला तो टीकाकरण शुरू हुआ। दोपहर दो बजे तक करीब 80 लोगों के टीका लग सका। जबकि बीते सोमवार को दोपहर दो बजे तक करीब 150 लोगों के टीका लग चुका था।
दून अस्पताल की नई बिल्डिंग में के खिलाफ Corona Virus वैक्सीन लगवाने के लिए लोग सुबह ही पहुंच गए थे। सुबह जब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए उससे पहले होने वाले पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को आरंभ किया तो साइट ही नहीं चली। इस कारण लोग वहां अपनी बारी के लिए इंतजार में खड़े हो गए, लेकिन देर तक भी सर्वर न चलने से कुछ लोग खाली हाथ ही वापस लौट गए।