हर साल भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि उल्लास के साथ मनाया जाता है। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 बजे से शुरू होगी और 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे खत्म होगी, इस कारण से उदया तिथि के कारण भाई-दूज का त्योहार 15 नवंबर को ही मनाना शास्त्र के अनुसार ठीक होगा। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार भाई और बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक होता है। बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाकर लंबी उम्र की कामना करती हैं। ऐसे में पूजा के समय कुछ पौराणिक परंपराएं जरूर निभाना चाहिए, जिससे भाई को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है और बहन को भी इस शुभ फल मिलता है।
यदि भाई दूज (Bhai Dooj) पर भाई न आ सके तो इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस शुभ कार्य से भगवान यमराज प्रसन्न होते हैं और भाई के ऊपर यमराज की कृपा बनी रहती है। भाई और बहन दोनों को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है।
पूर्व की तरफ चेहरा रखें
भाई दूज (Bhai Dooj) के दिन भाई बहन को पवित्र नदी यमुना में स्नान करना चाहिए। भाई दूज की पूजा के दौरान भाई का चेहरा हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहन का चेहरा पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पूजा नहीं करना चाहिए।
इस मंत्र का करें पाठ
भाई दूज (Bhai Dooj) की पूजा के दौरान भाई को तिलक लगाकर नारियल का गोला उपहार स्वरूप दें और आरती उतारें। इसके बाद इस मंत्र का भी पाठ करें।
‘गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को,
सुभद्रा पूजे कृष्णा को, गंगा यमुना नीर बहे
मेरे भाई की आयु बढ़े’।
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