रामोत्सव 2024: रामघाट पर जलाई गई 108 फीट लंबी अगरबत्ती, डेढ़ महीने तक बिखेरेगी खुशबू

अयोध्या: रामनगरी में वो शुभ वेला करीब आ गई है। नए राम मंदिर में रामलला (Ramlalla) की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो गए हैं। आज प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान से आरंभ हो गया है और 21 जनवरी तक चलता रहेगा। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा।

गुजरात से आई 108 फीट लंबी अगरबत्ती (Incense Stick)  जलाई गई

गुजरात से आई 108 फीट लंबी अगरबत्ती (Incense Stick) को मंगलवार को अयोध्या में जलाया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज की मौजूदगी में इस अगरबत्ती को जलाया गया। यह अगरबत्ती पर्यावरण के अनुकूल है। यह करीब डेढ़ महीने तक चलेगी और इसकी सुगंध कई किलोमीटर तक फैलेगी। इस अगरबत्ती का वजन 3,610 किलोग्राम है और यह लगभग 3।5 फीट चौड़ी है। अगरबत्ती (Incense Stick) तैयार करने वाले वडोदरा के विहा भरवाड ने बताया, 376 किलोग्राम गुग्गुल (गोंद राल), 376 किलोग्राम नारियल के गोले, 190 किलोग्राम घी, 1,470 किलोग्राम गाय का गोबर, 420 किलोग्राम जड़ी-बूटियों को मिलाकर अगरबत्ती को तैयार किया गया है। इसकी ऊंचाई दिल्ली में प्रतिष्ठित कुतुब मीनार की लगभग आधी है।

धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। ब्रह्म मुहूर्त से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए गए थे। रामलला की मूर्ति का प्रायश्चित और कर्मकूटी का पूजन शुरू हो चुका है।

राम मंदिर में प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू

मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 22 जनवरी को नए राम मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह है। इससे पहले मंगलवार से यहां मंदिर परिसर में अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। ये 21 जनवरी तक जारी रहेंगे। 11 पुजारी सभी ‘देवी-देवताओं’ का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।

ट्रस्ट ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में सात अधिवास हैं और कम से कम तीन अधिवास प्रचलन में हैं। 121 ‘आचार्य’ हैं जो अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ‘अनुष्ठान’ की देखरेख, समन्वय और निर्देशन कर रहे हैं।

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