Wednesday, April 23, 2025
Homeपॉलिटिक्सउत्तराखण्ड कांग्रेस के तेज कदम बढ़े केदारनाथ धाम की ओर

उत्तराखण्ड कांग्रेस के तेज कदम बढ़े केदारनाथ धाम की ओर

श्रीनगर: बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव की जीत से उत्साहित कांग्रेस के कदम तेजी से केदारनाथ धाम की ओर बढ़ रहे हैं। दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर पर मचे बवाल के गर्भ से निकली कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा बचाओ पैदल यात्रा रुद्रप्रयाग से आगे बढ़ गयी है। पैदल चल रहे नेता व कार्यकर्ता मंगलवार की सांय चन्द्रापुरी पहुंच जाएंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा के नेतृत्व में चल रही पैदल यात्रा में पूर्व विधायक रंजीत रावत हरिद्वार से ही साथ चल रहे हैं। लेकिन अब पार्टी के बड़े नेता पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, शूरवीर सजवाण, गणेश गोदियाल, हरक सिंह रावत भी मेहरा के साथ कदमताल करते नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस की इस पैदल यात्रा का समापन 12 हजार फीट पर स्थित केदारनाथ धाम में 2/3 अगस्त को किया जाएगा। दोनों उपचुनाव की जीत के बाद कांग्रेस ने इस पैदल यात्रा के जरिये केदारनाथ उपचुनाव का बिगुल भी बजा दिया है। पदयात्रा के दौरान कांग्रेस के नेता केदारनाथ धाम के दिल्ली निर्माण के अलावा सोना चोरी का आरोप लगाने से नहीं चूक रहे है। भाजपा विधायक शैलारानी के निधन के बाद केदारनाथ में उपचुनाव होना है। मुख्य तौर पर बदरीनाथ की हार के बाद केदारनाथ उपचुनाव भाजपा के लिए गम्भीर चुनौती मानी जा रही है।केदारनाथ उपचुनाव के जरिये दोनों ही दल निकट भविष्य में होने वाले निकाय व 2027 के विधानसभा चुनाव की नींव भी रखेंगे। इस पदयात्रा के जरिये गुटीय जंग में उलझे कांग्रेस के नेताओं ने जनता को एकजुटता का संदेश देने की कोशिश भी की है। करण मेहरा के साथ सभी बड़े नेता पदयात्रा में शामिल होने से कार्यकर्ता भी नये जोश भी है।

दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस की पदयात्रा को फ्लॉप बताते केदारनाथ में जीत का दावा किया है। लेकिन इस बीच, भाजपा मंत्रियों की दिल्ली दौड़ के बाद पार्टी एक नयी बहस में ही उलझ गयी है। भाजपा मंत्रियों के दिल्ली टूर को कांग्रेस ने आपदाकाल का उल्लेख करते हुए प्रमुख मुद्दा बना लिया है। भाजपा की इस अंदरूनी ‘जंग’ को पूर्व विधायक व पदयात्री रंजीत रावत कांग्रेस के लिए शुभ बताते हैं। रंजीत रावत का कहना है कि भाजपा नेता दिल्ली से लेकर दून तक कुर्सी कुर्सी के खेल में उलझकर जनसमस्याओं की उपेक्षा कर रहे हैं। केदारनाथ उपचुनाव में भी बदरीनाथ व मंगलौर की जीत दोहरायी जाएगी। उधर, दहलीज पर खड़े केदारनाथ उपचुनाव व निकाय चुनाव के अहम मौके पर भाजपा की ताजी ‘सुगबुगाहट’ व राजनीतिक अस्थिरता के ‘खेल’ से कांग्रेस भारी माइलेज लेती नजर आ रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisement -spot_imgspot_img
- Download App -spot_img

Most Popular