देहरादून: उत्तराखंड में सिर्फ 114 दिन में ही नए सीएम CM तीरथ सिंह रावत की कहानी खत्म हो गई। खुद तीरथ ने अपनी विदाई की के पीछे सांविधानिक संकट बताया है, लेकिन इसकी पटकथा उनके विवादित बयानों ने भी लिख दी थी। कई अवसरों पर सरकार और संगठन पर उनके विवादित बयान भारी पड़ गए। संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। इसके लिए उन्हें 10 सितंबर से पहले उपचुनाव में जाना था।
लेकिन कोविड महामारी की वजह से सभी चुनावों पर आयोग की रोक है। ऐसे में अभी उत्तराखंड की दो खाली सीटों गंगोत्री व हल्द्वानी में उपचुनाव की संभावना नहीं है। हालांकि पार्टी सूत्रों की एक राय और भी है। उनका कहना है कि पार्टी ने मुख्यमंत्री CM तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल को लेकर जो सर्वे कराया है, उसके नतीजे भाजपा के लिए सुखद नहीं हैं। उनके विवादित बयानों से संगठन और सरकार को कई बार असहज होना पड़ा।
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