देहरादून: उत्तराखंड वन विकास निगम में कार्यरत स्केलर संवर्ग के कर्मियों को सरकार ने फिलहाल राहत दे दी है। स्केलर संवर्ग में दो वर्ष की दैनिक श्रम अवधि की सेवा को समयमान वेतनमान व एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) से जोड़े जाने के मामले में कैबिनेट ने विभागीय मंत्री डा हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने को मंजूरी दी है। कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करेगी।
वन विकास निगम में स्केलर संवर्ग को प्रथम दो वर्ष दैनिक श्रम पर तैनाती दी जाती है। उप्र के दौर से स्केलरों को दैनिक श्रम के आधार पर दो वर्ष के अनुभव का लाभ ज्येष्ठता में दिया जाता था। बाद में उत्तराखंड में भी यह व्यवस्था लागू की गई और फिर इसी के आधार पर वेतन का निर्धारण किया गया। समयमान वेतनमान और एसीपी का निर्धारण होने पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई। इस पर निगम प्रशासन ने वर्तमान में कार्यरत 645 और 650 सेवानिवृत्त स्केलरों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी। 650 सेवानिवृत्त स्केलरों से 13.55 करोड़ की वसूली भी हो चुकी है। इससे खफा स्केलर संवर्ग के कार्मिक आंदोलित भी थे। बुधवार को कैबिनेट के समक्ष यह मसला रखा गया। इस पर कैबिनेट ने विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। जाहिर है कि कमेटी की रिपोर्ट आने तक स्केलर संवर्ग से वसूली आदि की कार्रवाई स्थगित रहेगी।
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