गोरखपुर: चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के दो पूर्व अध्यक्षों ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. यह मुलाकात गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी के निवास स्थल पर मुलाकात की.
दोनों ने सीएम योगी से गारमेंट उद्योग को जीवित रखने की मांग की. मुख्यमंत्री से भेंट करने वालों में चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष विष्णु अजीत सरिया और एसके अग्रवाल शामिल थे. उन्होंने सीएम को अपना लिखित पत्र सौंपा और कहा कि गोरखपुर में औद्योगिक विकास हो रहा है.
कृषि और बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है गोरखपुर: पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के विकास के साथ-साथ गोरखपुर पूर्वांचल में विकास का प्रमुख केंद्र बना है. करीब 15 हजार करोड़ के औद्योगिक पूंजी निवेश के साथ-साथ पर्यटन, शिक्षा, रेल, हवाई सेवा और सड़क परिवहन के क्षेत्र में विकास हुआ. यह कृषि और बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है.
कृषि के बाद टेक्सटाइल्स उद्योग यहां सर्वाधिक रोजगार देता है. गीडा में गारमेंट पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण हो चुका है. इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. 4 वर्ष पूर्व यहां गारमेंट प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी. इसमें 60 स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया था.
यूनिफॉर्म की खरीद नहीं होने से गारमेंट उद्योग पर बुरा असर: यह क्षेत्र प्राथमिक स्कूलों के अलावा अन्य स्कूलों के ड्रेस के उत्पादन का मुख्य केंद्र है. पिछले दो वर्षों से स्कूल यूनिफॉर्म की खरीद नहीं होने से गारमेंट उद्योग प्रभावित हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि कम लागत से सर्वाधिक रोजगार प्रदान करने वाले, गारमेंट उद्योग के लिए नीति बनाकर यहां के युवाओं को रोजगार दें.
यह तभी संभव होगा, जब स्कूलों में ड्रेस की व्यवस्था लागू हो. इन उद्योगों से निर्मित कपड़े स्कूलों में ड्रेस के लिए सप्लाई किए जाएं. अपने मांग पत्र के माध्यम से दोनों अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री को बताया कि तेजी से औद्योगिक विकास के क्रम में धुरियापार क्षेत्र में 5500 एकड़ भूमि उद्योगों के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है.
टाउन प्लानर और इंजीनियर की टीम नहीं: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अभी टाउन प्लानर और इंजीनियर की टीम नहीं होने से विकास की गति धीमी है. गीडा की स्थापना के समय यहां टॉउन प्लानर की नियुक्ति हुई थी, जो अब नहीं है. गीडा के महत्व को देखते हुए यहां टाउन प्लानर और सक्षम इंजीनियर टीम की नियुक्ति की जाए.
मौजूदा समय में गीडा नोएडा के बाद देश का सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर है. गीडा में गारमेंट की बड़ी निर्यातक उद्योग की स्थापना की जाए. जिससे यहां की इकाइयों को उनके अनुपूरक उद्योग का दर्जा मिल सके. इसी प्रकार भारी वाहन कारखाना जैसे बड़े उद्योग स्थापित किये जाएं. इससे उनके कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए छोटे उद्योग या स्थापित हो सकेंगे.
गोरखपुर में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की मांग: उद्यमियों ने सीएम को बताया कि भारत सरकार के एमएसएमई विभाग द्वारा उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए गाजियाबाद में लैबोरेट्री स्थापित की गई है. एमएसएमई के अधिकारियों द्वारा गोरखपुर में लैबोरेट्री स्थापित करने के लिए यहां वर्कशॉप हुई थी. इसमें गोरखपुर में टेक्सटाइल्स, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग उद्योग की टेस्टिंग के लिए लैब स्थापित करने की मांग की गई थी.
इस लैब के स्थापित होने से यहां के उद्योगों को अपनी गुणवत्ता की जांच में सुविधा होगी. यही नहीं गोरखपुर में कृषि पर आधारित उद्योग और टेक्सटाइल्स उद्योग की बड़ी प्रदर्शनी और क्रेता-विक्रेता सम्मेलन हो तो उम्मीद है कि पूर्वांचल के इस केंद्र बिंदु जिले को देश के विकसित महानगरों में स्थान मिलेगा.