लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सोमवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिला. 127 पीसीएस अफसरों का ट्रांसफर एक साथ कर दिया गया. दावा किया जा रहा है कि ये अब तक सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है. जिसका असर निकट भविष्य में जिलों के प्रशासनिक कार्यों और फील्ड स्तर पर स्पष्ट दिखाई देगा.
इन तबादलों में अधिकांश उप जिलाधिकारी (एसडीएम) स्तर के अधिकारी शामिल हैं, जो जमीनी स्तर पर कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की कमान संभालते हैं. योगी सरकार के इस कदम को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और सुशासन को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
तबादला सूची में कई प्रमुख जिलों जैसे लखनऊ, मथुरा, सहारनपुर, सीतापुर, और बदायूं में अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. मसलन, पीसीएस कुमार चंद्रबाबू को सीतापुर से बदायूं एसडीएम बनाया गया है, जबकि पीसीएस संगीता राघव को सहारनपुर से लखनऊ विकास प्राधिकरण में विशेष कार्याधिकारी नियुक्त किया गया है.
इसी तरह पीसीएस श्वेता को मथुरा से उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी में सहायक निदेशक की जिम्मेदारी दी गई है. महराजगंज जिले से फरेंदा की SDM प्रतीक्षा त्रिपाठी और मुकेश कुमार का तबादला हुआ है.
प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन तबादलों से न केवल जिलों में प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नई ऊर्जा आएगी, बल्कि विकास योजनाओं को लागू करने में भी तेजी देखने को मिलेगी. सरकार का फोकस कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना है.
यह तबादले रणनीतिक स्तर पर किए गए हैं, ताकि अनुभवी अधिकारियों का उपयोग चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में हो सके. इस फेरबदल से ब्यूरोक्रेसी में नए बदलावों की उम्मीद जगी है और जनता को इसका लाभ जल्द ही दिखाई दे सकता है.