लखनऊ: प्रदेश सरकार ने परती भूमि विकास विभाग के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के चार परियोजना प्रबंधक और तीन अवर अभियंताओं को कार्य में लापरवाही बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लापरवाह अधिकारियों के काम में कार्रवाई के बाद भी सुधार नहीं आता है, तो उनके खिलाफ आगे कड़ी कार्रवाई करें.
शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक हुई. इसमें परियोजना प्रबंधक और अवर अभियंताओं की लापरवाही सामने आई थी. इसके बाद यह कार्रवाई की गई है. परती भूमि विकास विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्य अधिकारी जीएस नवीन ने बताया कि योजना के परियोजना प्रबंधक और अवर अभियंताओं के साथ समीक्षा बैठक की गई.
काम का विवरण नहीं देने पर एक्शन: इस दौरान परियोजना प्रबंधक और अवर अभियंताओं से परियोजनाओं के डीपीआर के अनुसार पिछले पांच वर्ष में किए गए कार्यों के विवरण की जानकारी ली गई, लेकिन चार परियोजना प्रबंधक और तीन अवर अभियंता कार्यों का विवरण नहीं दे सके. इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के बारे में भी नहीं बता सके.
अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठे: हाल में हुई बैठक में कार्य में सुस्ती और लापरवाही पर चार परियोजना प्रबंधक और तीन अवर अभियंताओं की कार्यशैली पर सवाल उठे. इसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर कार्रवाई के बावजूद वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करते हैं, तो भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाए.
सीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई: सीओ जीएस नवीन ने बताया कि सीएम के निर्देश पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रथम और द्वितीय की समीक्षा के दौरान प्रयागराज परियोजना प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह, महोबा परियोजना प्रबंधक संजय कुमार, चित्रकूट कर्वी (।।) परियोजना प्रबंधक देवेंद्र सिंह निरंजन और प्रतापगढ़ परियोजना प्रबंधक चमन सिंह को कार्यों में लापरवाही पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.
इसके साथ ही प्रयागराज के अवर अभियंता विश्वजीत यादव, प्रतापगढ़ प्रथम भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय के अवर अभियंता दिनकर और आशीष कुमार यादव को भी कार्यों में लापरवाही पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.