Sunday, June 29, 2025
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पटना डीएम को 28 दिनों का अल्टीमेटम, शहर से अतिक्रमण नहीं हटा तो होगी कार्रवाई: PATNA HIGH COURT

पटना: पटना हाईकोर्ट ने डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम को अल्टीमेटम दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर पटना शहर से 28 दिनों के अंदर अतिक्रमण नहीं हटा तो डीएम पर कार्रवाई होगी. पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की.

आदेश का नहीं हुआ पालन तो होगी कार्रवाई: जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस शशि भूषण प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने डॉ. अमित कुमार सिंह की ओर से दायर अवमानना अर्जी पर सुनवाई की. कोर्ट ने पटना शहर से चार सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है. अगर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो कोर्ट मानेगा कि डीएम कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रहे हैं. जिससे डीएम के खिलाफ अवमानना का मामला चलेगा.

हलफनामा के जरिए स्थिति से कराएं अवगत: हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर डीएम संपूर्ण अवैध अतिक्रमण को हटाने में असहाय हैं, तो ऐसी स्थिति में अगली सुनवाई की तारीख पर हलफनामा दाखिल कर स्थिति से अवगत कराए. इसके पूर्व पटना डीएम की ओर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि कुछ अतिक्रमण को हटा दिया गया है.

6 साल से अतिक्रमण हटाने के आदेश का नहीं हुआ पालन: बाकी के अतिक्रमण को दो माह के भीतर हटा दिया जाएगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि पिछले छह साल से अतिक्रमण हटाने के लिए दिये गए आदेश का पालन नहीं किया गया है. यही नहीं आदेश का पूरी तरह पालन करने के लिए और ज्यादा समय देने के लिए किसी तरह का कोई आवेदन कोर्ट में नहीं दिया गया.

अतिक्रमण के बारे में पूरी जानकारी देने का आदेश: आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अतिक्रमण हटाने की केवल कागजी कार्रवाई की गई है. भौतिक रूप से अवैध अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख से पहले हटाये गये अतिक्रमण के बारे में पूरी जानकारी देने का आदेश दिया.

3 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई: इसके अलावा कोर्ट ने कहां और किस समय अतिक्रमण हटाया गया है, उसका फोटो और हाल का फोटो (भूमि के विवरण के साथ डिजिटल फोटोग्राफी) दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.

इस मामले पर भी हुई सुनवाई: बता दें कि इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों को आर्केस्ट्रा समूहों द्वारा आर्केस्ट्रा में काम करने के नाम पर किए जा रहे ट्रैफिकिंग और उनके साथ किये जा रहे यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले पर सुनवाई की थी. साथ ही राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया था.

 

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