भिवानी के कर्नल शमशेर सिंह 24 जुलाई को होने वाले थे सेवानिवृत, बेटे के एडमिशन के दौरान हार्ट अटैक से मौत, पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

भिवानी: भारतीय सेना में कार्यरत कर्नल कर्नल शमशेर सिंह बिजारणिया 24 जुलाई को सेवानिवृत होने वाले थे. इसी बीच अहमदाबाद में इकलौते पुत्र शुभम के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान अचानक हार्ट अटैक पड़ने पर उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद तत्काल उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अहमदाबाद से दिल्ली स्थित सेना भवन में उनके पार्थिव शरीर को लाया गया जहां सम्मान के साथ सेना के अधिकारियों द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाईः दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर भिवानी जिला के लोहारू के उनके पैत्रृक गांव ढाणी रहीमपुर लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. कर्नल के पुत्र शुभम ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी. कर्नल शमशेर सिंह अमर रहे के नारों के साथ नम आंखों से उनको अंतिम विदाई दी गई. मौके पर सेना की टुकड़ी, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, उनके परिजन मित्र सहित हजारों की संख्या में आम लोग मौके पर मौजूद थे.

35 वर्षों तक की देश की सेवाः कर्नल शमशेर सिंह के भाई रणवीर सिंह ने बताया कि उनका भाई कोलाबा मुंबई में कर्नल की पोस्ट पर तैनात थे. 35 वर्षों तक उन्होंने भारत माता की सेवा की है. शमशेर सिंह 1990 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और 22 जुलाई को सेना से उनका रिटायरमेंट था. उन्होंने बताया कि विगत दिनों अहमदाबाद अपने बेटे शुभम का एडमिशन कराने के लिए मायका कॉलेज में गए थे. उन्होंने एडमिशन की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली थी. इसी दौरान उनको अचानक से हार्ट अटैक हो गया. इसके बाद उनको प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां उनको मृत घोषित कर दिया. कर्नल शमशेर सिंह बिजारणियां के एक ही बेटा शुभम है.

कर्नल बनकर गांव का नाम किया रोशनः एसडीएम मनोज दलाल ने कहा कि शहीद शमशेर सिंह की भरपाई करना मुश्किल है. इस दु:ख की घड़ी में प्रशासन परिवार के साथ है. कर्नल शमशेर सिंह ने कर्नल रैंक तक पहुंचकर गांव का नाम रोशन किया है. उनकी वीरता और बहादुरी को हमेशा याद रखा जाएगा.