सीएम धामी ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए की 7 बड़ी घोषणाएं

देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में अलग-अलग विभागों की ओर से कार्यक्रमों के आयोजन किया जा रहे हैं. इसी क्रम में राज्य स्थापना के रजत जयंती के अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. देहरादून स्कूल पुलिस लाइन में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह कार्यक्रम के दौरान जहां एक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सम्मानित किया. दूसरी ओर राज्य आंदोलनकारियों के लिए 7 बड़ी घोषणाएं भी की हैं.

देहरादून पुलिस लाइन में राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान राज्य आंदोलनकारियों पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्प वर्षा भी की गई.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य स्थापना के रजत उत्सव का कार्यक्रम सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि भावनात्मक क्षण है. ऐसे में जिन्होने उत्तराखंड राज्य के सपनों पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. उत्तराखंड उन हजारों आंदोलनकारियों की देन है. उत्तराखंड में जब राज्य के लिए आंदोलन चल रहा था उस समय 1 सितम्बर 1994 को खटीमा में गोलीकांड हुआ. इसके बाद 2 सितम्बर 1994 मसूरी में गोलीकांड हुआ. 2 अक्टूबर 1994 मुजफ्फरपुर में गोलीकांड हुआ.

राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 7 बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि इससे राज्य आंदोलनकारी को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. लिहाजा भविष्य में भी सरकार, राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों की सहायता के लिए तत्पर रहेंगी, क्योंकि आंदोलनकारियों की ओर से राज्य निर्माण के लिए किया गया संघर्ष, सरकार के लिए प्रेरणा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा सरकार का संकल्प है कि राज्य निर्माण आंदोलन की भावना को अपने प्रत्येक नीति, निर्णय और योजना में शामिल करेंगे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर घरों में पांच दीपक शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम से जलाने की अपील की. सीएम धामी ने कहा राज्य आंदोलनकारियों ने अपने खून और पसीने से इस प्रदेश को सींचा है. उत्तराखंड को विकास और समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंचाना हमारा काम है.

राज्य आंदोनकारियों के लिए सीएम धामी की घोषणाएं

  • शहीद राज्य आंदोलनकारी के नाम पर उनके क्षेत्र की मुख्य अवस्थापन सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा.
  • प्रदेश में मौजूद सभी शहीद स्मारकों का नवीनीकरण और सौंदर्यकरण किया जाएगा.
  • उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन को 3000 से बढ़कर 5500 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
  • राज्य आंदोलन के दौरान 7 दिन जेल गए या घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन को 6000 रुपए से बढ़कर 7000 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
  • राज्य आंदोलन के दौरान जेल गए या फिर घायल हुए तमाम आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन को 4500 से बढ़कर 5500 रुपए किया जाएगा.
  • राज्य आंदोलन के दौरान विकलांग होकर शैय्याग्रस्त हुए शहीदों की पेंशन को 20,000 रुपए से बढ़कर 30,000 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा. साथ ही इनकी देखभाल के लिए एक मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था भी की जाएगी.
  • राज्य आंदोलनकारी के चिन्हीकरण के लिए साल 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त लंबित आवेदन पत्रों के निस्तारण के लिए 6 महीने का समय विस्तार कर निस्तारण किया जाएगा.

कार्यक्रम के दौरान राज्य आंदोलनकारी एवं भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा उत्तराखंड राज्य गठन में आंदोलनकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसे में आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी नहीं बल्कि राज्य निर्माण सैनानी कहा जाना चाहिए. इसके साथ ही राज्य आंदोलन के दौरान तमाम लोगों ने अपनी शहादत दी है. यही नहीं, वर्तमान समय में जो राज्य आंदोलनकारी अभी मौजूद हैं वो काफी उम्रदराज हो गए हैं. जिसके चलते वह बीमार भी रहते हैं. ऐसे में राज्य आंदोलनकारियों का निशुल्क इलाज होना चाहिए. शहीद स्थल के आसपास उत्तराखंड हेरिटेज का स्थान होना चाहिए. जहां शहीदों के लिए गेस्ट हाउस समेत उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए. रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम होने चाहिए. जिससे आने वाली पीढियां को अपनी संस्कृति से रूबरू हो सके.