देहरादून: दून स्थित ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) के मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Sri Krishna Janmashtami) के दौरान एक दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया।
जन्माष्टमी की धूमधाम प्रातः काल भगवान् की मंगल आरती से प्रारंभ हुई जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने भगवान् के पवित्र नामों के गुणगान से दिन की मंगल शुरुआत की। भक्तों की मंगल कामना के लिए मंदिर के प्रांगण में यज्ञ किया गया। हरिनाम के जोरदार कीर्तन के साथ शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज किया गया। जिसमें बच्चों के द्वारा भगवद्गीता के श्लोकों का वाचन, ब्रज मंडल का प्रस्तुतीकरण, माताओं के द्वारा “भातरोल” नामक नाटिका प्रस्तुत की गयी। ऐसे अनेक कार्यक्रमों में बड़े बूढ़ों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
इस्कॉन भगवद्गीता पाठशाला के मीडिया प्रवक्ता परम करुणा माधव प्रभुजी ने बताया कि अनेक श्रद्धालु ने मंदिर में आकर भगवान् के दर्शन किए। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सुरक्षाकर्मी ने ध्यान रखा कि ISKCON मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को सेनिटाइज किया जाए और केवल मॉस्क पहनने वाले लोगों को अनुमति दी जाए और मंदिर हॉल के अंदर उचित दूरी बनाए रखी जाए। इस वर्ष का प्रमुख आकर्षण भक्तों द्वारा भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित सुन्दर झांकियां रही। रात्री 10 बजे से भगवान् श्रीकृष्ण का भव्य अभिषेक प्रारंभ हुआ और रात 12 बजे तक चला। इस दौरान हरदीप रावत (CAF Amul) गुरदीप सिंह (Director of Honey India) ओमप्रकाश (Former chief secretary of Uttarakhand) मौजूद थे। श्री राधा माधव के महा-अभिषेक के लिए बड़ी मात्रा में दूध, घी, शहद, दही, नारियल पानी, फलों के रस का उपयोग किया गया। भगवान श्री राधा माधव के लिए भक्तों द्वारा डिजाइन किए गए नए भव्य रेशमी कपड़े की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भक्त इस्कॉन के संस्थापक आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती
उत्साहपूर्वक मना रहे हैं। इस अवसर पर उनके जीवन, उपदेशों के प्रवचन होंगे और श्रील प्रभुपाद को 56 अधिक भोग अर्पित किए जाएंगे।
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