फरीदाबाद:फरीदाबाद में अब ESIC कार्ड धारकों को घर बैठे ही उपचार की सुविधा मिलने वाली है. अगर ईएसआईसी कार्ड धारक अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं, या फिर उनकी स्थिति ठीक नहीं है तो डॉक्टर की पूरी टीम उनके घर पर ही जाकर उनका इलाज करेगी. साथ ही मौके पर ही जरूरी टेस्ट भी हो जाएगा. यहां तक कि एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड भी मौके पर ही किया जाएगा.
फरीदाबाद में शुरू हो रही सेवा: दरअसल, फरीदाबाद एनआईटी तीन नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल “हॉस्पिटल ऑन व्हील” सेवा शुरू करने जा रही है. इस सेवा के तहत एक मेडिकल वैन तैयार की जा रही है, जिसको मिनी हॉस्पिटल का रूप दिया गया है. मेडिकल वैन में मेडिकल से जुड़ी हर सुविधा उपलब्ध रहेगी. अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवा, इन्फ्यूजन पंप, सिरिंज ड्राइवर समेत इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध रहेगी.
अधिकतर गरीब लोग पहुंचते हैं इलाज कराने: ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में लगभग 3500 से ज्यादा मरीज रोग इलाज करवाने पहुंचते हैं. उसमें से ज्यादा संख्या में लोग शहर से दूर गांव से आते हैं, जिसके आने जाने में ज्यादा खर्चा आता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि दूर से आने की वजह से मरीज अस्पताल में देरी से पहुंचते हैं और उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है, जिसके बाद उन्हें निराश होकर अपने घर लौटना पड़ता है. इससे आर्थिक स्थिति का भी दबाव उन पर बनता है, क्योंकि अक्सर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में गरीब और मजदूर वर्ग के लोग ही इलाज करने पहुंचते हैं.
आपातकालीन सुविधा होगी उपलब्ध: इसके अलावा कई बार सरकारी छुट्टी हो जाने से या फिर शनिवार, रविवार की वजह से भी मरीज को इलाज करवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ईएसआईसी हॉस्पिटल ऑन व्हील सेवा शुरू करने जा रहा है. इसका लाभ कंपनी में काम करने वालों के साथ ही स्लम बस्ती में रहने वाले मरीजों को भी मिलेगा. इसके अलावा आपातकालीन स्थिति में भी इस मेडिकल वैन को प्रयोग में लाया जाएगा. घायलों को मौके पर ही सारी मेडिकल फैसिलिटी मिल जाएगी, जिससे घायल व्यक्ति की भी जान बच जाएगी.
जुलाई के दूसरे सप्ताह से मिलेगी सुविधा: अस्पताल ऑन व्हील को लेकर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डीन डॉक्टर एके पांडे ने बताया, “ये मेडिकल वैन पीटीसी इंडिया लिमिटेड कंपनी द्वारा सीएसआर फंड के तहत 93 लाख की लागत वाली 2 बसें ईएसआई मेडिकल कॉलेज को दिया गया है, बसों में सभी जरूरी उपकरण और मशीनरी को इंस्टॉल कर दिया गया है. दोनों बसों की खरीद से लेकर मशीनरी और उपकरणों की लागत लगभग 2 करोड़ रुपया आया है. इन दोनों बसों की आरसी के लिए अप्लाई भी कर दिया गया है. जुलाई के पहले सप्ताह के अंदर आरसी मिल जाएगी. जुलाई के दूसरे सप्ताह में इस मोबाइल मेडिकल वैन की शुरुआत हो जाएगी.”
मिलेगी डायरेक्ट सुविधा: डॉक्टर एके पांडे ने आगे कहा, “इस फैसिलिटी से जो लेबर क्लास के लोग हैं. वह किसी न किसी वजह से अस्पताल नहीं आ सकते हैं. उनको डायरेक्ट फायदा मिलेगा. इसके लिए वह हमारे हॉस्पिटल से संपर्क करेंगे. अस्पताल की ओर से तारीख और समय दिया जाएगा. उस समय पर यह बस डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ सहित मरीज के पास पहुंच कर उसका उपचार करेगा.”
लंबी लाइन से मिलेगा छुटकारा: ऐसे में माना जा रहा है कि इस शुरुआत से ईएसआईसी कार्ड धारक पेशेंट को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि उनका घर पर ही उचित इलाज मिल पाएगा. साथ ही जरूरी टेस्ट भी घर पर ही हो जाएगा. टेस्ट कराने के लिए मरीजों को लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी.