नई दिल्ली: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल या भारत बंद (Bharat Bandh)सोमवार से शुरू हो गया। हड़ताल के दौरान बैंकिंग, परिवहन, रेलवे और बिजली से जुड़ी आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ने की आशंका है। यूनियनों की मांगों में श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलावों को वापस लेना, किसी भी रूप का निजीकरण और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन शामिल हैं। मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत मजदूरी का बढ़ा हुआ आवंटन और ठेका श्रमिकों का नियमितीकरण भी उनकी मांगों का हिस्सा है।
INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC सहित ट्रेड यूनियन संयुक्त मंच का हिस्सा हैं।
West Bengal | Members from the Left Front gather in huge numbers & block railway tracks at Jadavpur Railway Station in Kolkata, in view of the 2-day nationwide strike called by different trade unions. pic.twitter.com/WnWUTJHKNo
— ANI (@ANI) March 28, 2022
पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया। एएनआई द्वारा साझा किए गए दृश्य कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में रेलवे पटरियों पर वाम मोर्चे के सदस्यों को दिखाते हैं।
संयुक्त मंच ने एक बयान में कहा कि एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट) के आसन्न खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली विभागों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत “केंद्र सरकार की निगमीकरण और निजीकरण नीतियों के विरोध में देश भर के श्रमिकों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल” को लेकर राज्यसभा में निलंबन का नोटिस दिया है। भारत बंद के लागू होते ही केरल की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
Kerala | To protest against government policies, different trade unions have called for a nationwide strike/bandh today & tomorrow, March 28 & 29. Only emergency services are excluded from the strike.
Visuals from Thiruvananthapuram pic.twitter.com/wC3AbQ8Ied
— ANI (@ANI) March 28, 2022
भारत बंद (Bharat Bandh) के आह्वान में करीब 20 करोड़ प्रदर्शनकारियों के शामिल होने की उम्मीद है। ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव अमरजीत कौर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “हम 28 और 29 मार्च को सरकारी नीतियों के विरोध में हड़ताल के दौरान देश भर के श्रमिकों के सामूहिक लामबंदी के साथ 20 करोड़ से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक श्रमिकों की भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं।”
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