नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अगले महीने की शुरुआत में लंदन के लिए रवाना होने से पहले सुरक्षा पर कैबिनेट समिति को ब्रिटेन के साथ रसद समझौते के निर्णय को मंजूरी देने के लिए कहा गया है। रसद समझौता एलईएमओए या लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट के समान होगा, जिस पर मोदी सरकार द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं और सिंह की यात्रा से प्रमुख टेकअवे में से एक होने की संभावना है। लगभग 20 साल पहले जॉर्ज फर्नांडीस की यात्रा के बाद से राजनाथ सिंह आधिकारिक चर्चा के लिए लंदन जाने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री होंगे। उनकी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उनके साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे।
जब राजनाथ सिंह 3 जुलाई को लंदन पहुंचे तो कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जब तक कि सशस्त्र बलों के लिए नई भर्ती योजना अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन के कारण देरी न हो। भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ या आत्मनिर्भरता योजना को ध्यान में रखते हुए सह-विकास और सह-उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगा। दोनों पक्षों ने लड़ाकू विमानों के लिए एक इंजन के विकास और कम दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी के बारे में भी बात की है। यह यात्रा ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की हालिया यात्रा के मद्देनजर हो रही है। जॉनसन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच घनिष्ठ मित्रता ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गति प्रदान की है।