नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिमी यूरोप के देश आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक के आसपास के क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों में लगभग 2,200 भूकंप (Earthquake) के झटके दर्ज किए गए हैं। इससे देश में राजधानी रेक्जाविक में कोलाहल है। मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी कि यह ज्वालामुखी विस्फोट का एक संकेत हो सकता है। आइसलैंड उत्तरी अटलांटिक महासागर में ग्रीनलैंड और नार्वे के बीच बसा एक द्वीपीय देश है,जो ब्रिटेन के बाद यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इस पर कई पर्वत और ज्वालामुखी हैं।
आइसलैंड की मौसम एजेंसी ने क्या कहा?
आइसलैंड के मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि माउंट फाग्राडल्सफजाल के नीचे शाम 4 बजे के आसपास झटके शुरू हुए। यह पर्वत एक ज्वालामुखीय प्रणाली के ऊपर स्थित है, जहां पिछले दो वर्षों में रेक्जेन्स प्रायद्वीप-आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिमी सिरे पर दो विस्फोट हो चुके हैं।
एजेंसी ने कहा, “पिछले 24 घंटों में लगभग 2,200 भूकंपों (Earthquake) को महसूस किया गया है और सबसे बड़े भूकंप आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में महसूस किए गए हैं।” मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले समय में और अधिक भूकंपीय गतिविधियां होने की संभावना है। एजेंसी के मुताबिक, 24 में से सात भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर चार से अधिक आंकी गई है। हालांकि, इन्हें हल्का भूकंप माना गया है। भूकंपीय गतिविधियों के कारण विमानन चेतावनी को “ग्रीन” से बढ़ाकर “ऑरेन्ज” कर दिया गया है।
सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र
आइसलैंड यूरोप का सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र है। उत्तरी अटलांटिक द्वीप मध्य-अटलांटिक रिज तक फैला हुआ है – जो यूरेशियन और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों को अलग करता है।
अप्रैल 2010 में, आईजफजल्लाजोकुल ज्वालामुखी के बड़े पैमाने पर विस्फोट के बाद करीब 100,000 उड़ानों को रद्द करना पड़ा था। इससे करीब एक करोड़ यात्री फंस गए थे। यह कोविड महामारी जैसा शांतिकाल में सबसे बड़ा हवाई यातायात व्यवधान था। 2021 और 2022 दोनों में भी माउंट फाग्राडल्सफजाल के पास लावा निकला था।
मार्च 2021 में एक हफ्ते के अंदर करीब 10,000 भूकंप के झटके
मार्च 2021 में भी इस द्वीप पर एक हफ्ते के अंदर करीब 10,000 भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई थी। हालांकि, इन झटकों में कोई घायल नहीं हुआ था। तब कोविड महामारी के कारण लोग घरों में बंद थे और अधिकांश वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। ऐसे में तब इसकी भयावहता का असर पूरी दुनिया पर उतना नहीं पड़ सका था।
क्या कहते हैं साइंटिस्ट
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, आइसलैंड ऐसे जोन में आता है जहां दो महाद्वीपीय प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती हैं। एक ओर उत्तरी अमेरिकी प्लेट अमेरिका को यूरोप से दूर खींचती है, वहीं दूसरी ओर यूरेशियन प्लेट दूसरी दिशा में खींचती हैं। इस वजह से द्वीप पर भूकंपीय झटके आते रहते हैं। आइसलैंड में Silfra रिफ्ट नाम का क्रैक है जिसे देखने के लिए पर्यटक और डाइव बड़ी संख्या में आते हैं।