नई दिल्ली: राजौरी जम्मू-कश्मीर में एक सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि सरकार इस तरह के हमलों के बाद छिप नहीं सकती है और उसे जवाब देना होगा। जम्मू के राजौरी जिले में गुरुवार तड़के दो आतंकवादियों द्वारा सेना के एक शिविर पर ‘फिदायीन’ हमले के बाद सेना के तीन जवान शहीद हो गए और तीन अन्य घायल हो गए। इसके बाद चार घंटे तक चली मुठभेड़ में दोनों आतंकवादी ढेर हो गए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा, “राजौरी, जम्मू-कश्मीर में हमारे बहादुर सैनिकों के जीवन का दावा करने वाले एक और नृशंस आतंकवादी हमले के बारे में जानकर दुख हुआ।” उन्होंने ट्विटर पर लिखा “देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। हमारे लोगों पर इस तरह के हमलों के बाद भारत सरकार छिप नहीं सकती।
पीआरओ (रक्षा) जम्मू लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि राजौरी जिले के परघल में भारतीय सेना की चौकी के सतर्क संतरियों ने गुरुवार की तड़के खराब मौसम और घने पत्ते का फायदा उठाते हुए संदिग्ध व्यक्तियों को अपनी चौकी के पास आते पाया। पोस्ट के अंदर घुसने का प्रयास करते हुए दोनों आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंकने की कोशिश की। हालांकि, सतर्क सैनिकों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और गोलीबारी शुरू कर इस प्रयास को विफल कर दिया।
आनंद ने बताया कि शहीद हुए सेना के जवानों में सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान के झुंझुनू जिले के मालीगोवेन गांव के), राइफलमैन लक्ष्मणन डी (तमिलनाडु के मदुरै जिले के टी पुडुपट्टी गांव के) और राइफलमैन मनोज कुमार (हरियाणा के फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव के) हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की निंदा की और आतंकवादियों और उनके समर्थकों से “उचित तरीके से” निपटने की कसम खाई।