दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने और समंदर में मिल रही चुनौतियां का सामने करने के उद्देश्य से देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शुक्रवार को भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गया। केरल के कोच्चि में हुए एक सैन्य समारोह में विक्रांत की कमीशनिंग हुई, जिसमें प्रधानमंत्री 9PM) नरेंद्र मोदी (PM Modi) मुख्य अतिथि रहे। कोच्चि में विक्रांत की कमीशनिंग सेरेमनी को ऐतिहासिक और गर्व का पल बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हिंद महासागर और इंडो-पैसेफिक रीजन में शांति और सुरक्षा प्रदान करने में स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत एक अहम भूमिका निभाएगा। पीएम (PM) ने कहा कि इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओसियन (Indian Ocean) में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा, लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है । इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर सैन्य क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं।
क्यों है INS विक्रांत खास:
- आईएनएस विक्रांत के निर्माण से भारत दुनिया के उन 6 चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो 40 हजार टन का एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता रखते हैं। बाकी पांच देश हैं अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और इंग्लैंड।
- विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत पर 30 एयरक्राफ्ट तैनात होंगे, जिनमें 20 लड़ाकू विमान होंगे और 10 हेलीकॉप्टर होंगे।
- विक्रांत की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 7500 नॉटिकल मील की दूरी तय कर सकता है।
- विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर के फ्लाई-डेक यानी रनवे को स्कीइंग तकनीक पर तैयार किया गया है।
- इसका रनवे मात्र 250 मीटर का है, इसलिए इस पर अरेस्टेड रिकवरी तकनीक से फाइटर जेट्स को लैंड कराया जाएगा।
- विक्रांत के रनवे पर ओलंपिक के 10 स्विमिंग-पूल बनाए जा सकते हैं।
- आईएनएस विक्रांत की चौड़ाई है करीब 62 मीटर और ऊंचाई है 50 मीटर।
- एयरक्राफ्ट कैरियर में करीब ढाई हजार किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक केबिल लगी है।
- विक्रांत को बनाने में करीब 20 हजार करोड़ का खर्चा आया है।
- आईएनएस विक्रांत में 14 डेक यानी फ्लोर हैं और 2300 कपार्टमेंट हैं। इस पर 1700 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं।
- विक्रांत की किचन में एक दिन में 4800 लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है और एक दिन में 10 हजार रोटियां सेंकी जा सकती हैं।