दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने पूर्व राष्ट्रपति को एक अनोखे तरीके से अपनी श्रद्धांजलि दी है। रेलवे ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की याद में बेंगलुरु के यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पर उनकी एक खूबसूरत प्रतिमा स्थापित की है। इसे रेलवे के इंजीनियरों ने ही डेढ़ महीने में बनाकर तैयार किया है। इस मूर्ति को बनाने में ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया गया है, जो रेलवे के उपयोग लायक नहीं रह गई थीं। आज डॉ. कलाम की ये मूर्ति इस स्टेशन से गुजरने वाले हर व्यक्ति के लिए आर्कषण का केंद्र बन गई है।
भारतीय रेलवे (Indian Railway) द्वारा बनाई गयी डॉ. कलाम की इस प्रतिमा का वजन 800 किलोग्राम है। इसकी ऊंचाई 7.8 फीट है। इसमें जो स्क्रैप इस्तेमाल किए गए हैं, उनमें नट- बोल्ट, वायर की रस्सी, साबुन के कंटेनर और स्पंज के टुकड़े जैसी चीजें लगाई गई हैं। इसे तैयार करने वाले मेकेनिकल डिपार्टमेंट के इंजीनियरों ने सबसे पहले एक मिट्टी का मॉडल तैयार किया था और एक प्लास्टिक ऑफ पेरिस मोल्ड बनाया गया था। जिसके आधार पर इन्होंने नट, बोल्ट और धातुओं को मोल्ड कर प्रतिमा का रूप दिया।
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