दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत सभी महिलाओं को अबॉर्शन का अधिकार दे दिया है। इस फैसले के दौरान कोर्ट ने मैरिटल रेप का भी जिक्र किया। ऐसे में मैरिटल रेप यानि वैवाहिक बलात्कार को लेकर चर्चा होने लगी है कि क्या भारत में मैरिटल रेप अपराध के दायरे आ गया है। तो ऐसा नहीं है।
फैसला सुनाते वक्त ही कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर बिना मर्जी के बने संबंधों के चलते कोई विवाहित महिला प्रेगनेंट होती है, तो इसे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट यानि MTP के तहत रेप माना जाएगा और इस कानून के लिहाज से उस महिला को भी अबॉर्शन का अधिकार होगा… लेकिन यह बात ध्यान रखना होगा कि मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए अभी पति के खिलाफ कोई केस नहीं किया जा सकता है। यानि कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।
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