नई दिल्ली: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों से पहले, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कैलाश विजयवर्गीय, रमेश पोखरियाल और प्रह्लाद जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को उत्तराखंड भेजा है। यह कदम राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले उठाया गया है। जहां एग्जिट पोल ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पंजाब में आप की स्पष्ट जीत का अनुमान लगाया है, वहीं उत्तराखंड में यह भाजपा और कांग्रेस के बीच एक करीबी मुकाबला हो सकता है। गोवा में भी अनिर्णायक जनादेश की संभावना है। एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया है कि भाजपा 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में 37 सीटें हासिल कर सकती है, जबकि कांग्रेस 31 पर भी पीछे नहीं है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि उत्तराखंड में आधा निशान 35 है और गठबंधन की एक पार्टी है।
36 सीटें जीतकर राज्य में सरकार बना सकती है। कांग्रेस पार्टी पहले ही सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक के तौर पर उत्तराखंड भेज चुकी है ताकि नतीजों के बाद फैसला किया जा सके। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी त्रिशंकु विधानसभाओं के मामले में अंतिम क्षणों में गठबंधन करने के लिए छोटे राजनीतिक दलों के साथ जुड़ने का काम सौंपा गया है। राजनीतिक दलों द्वारा तेजी से किए गए युद्धाभ्यास को पिछले चुनावों की पृष्ठभूमि में देखा जा सकता है जहां वोटों की गिनती ने खंडित जनादेश दिया था। उदाहरण के लिए, 2017 में गोवा में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर विधानसभा चुनावों के नतीजे गुरुवार को घोषित किए जाएंगे।
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