अमृतसर: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोला खोल दिया है। सिद्धू ने कहा कि वो एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जिनके पास कोई शक्ति नहीं है। अमृतसर में एक रैली में सिद्धू ने कहा कि उन्हें इतनी भी शक्तियां नहीं दी गई हैं कि एक सचिव या फिर महासचिव की भी नियुक्ति कर सकें।
सिद्धू ने कहा कि मुझे प्रशासन की ताकत नहीं है। सिर्फ संगठन के प्रधान हैं। इससे पहले सिद्धू ने कहा था कि अगर फैसले लेने की छूट नहीं दी तो ईंट से ईंट खड़का देंगे। सिद्धू का यह दर्द इसलिए छलका है क्योंकि उन्होंने अपनी इच्छा से जिला प्रधानों की लिस्ट तैयार कर भेजी थी, जिस पर कांग्रेस आलाकमान ने रोक लगा दी थी।
Navjot Sidhu’s Speech at Baba Bakala ( Amritsar) https://t.co/02s9Q3AkGv
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 11, 2021
दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर शनिवार को राज्य सरकार की कानूनी टीम को बधाई दी। केंद्र ने बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाते हुए उसे असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया है। पहले बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे तक था। सिद्धू ने ट्वीट किया कि मैं बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की अधिसूचना के खिलाफ मूल वाद दायर कर माननीय सुप्रीम कोर्ट का सबसे पहले रुख करने के लिए पंजाब सरकार और उसकी कानूनी टीम को बधाई देता हूं।
I congratulate Punjab and it’s legal team to be the 1st to approach the Hon’ble Supreme Court by filing an original suit challenging the notification extending the BSF jurisdiction.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 11, 2021
पंजाब के महाधिवक्ता डी एस पटवालिया ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक मूल वाद दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयक के समक्ष शुक्रवार को वाद सूचीबद्ध किया गया और केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया गया है, जिस पर 28 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
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