लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) में तेज हलचल है ही, अब समाजवादी पार्टी ने भी कमर कस ली है। बीजेपी (BJP) ने जहां नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के प्रत्याशियों की मजबूती-कमजोरी, कामकाज के प्रदर्शन के आधार पर सर्वे के जरिये टिकट बांटने की रणनीति अपनाई है, वहीं समाजवादी पार्टी उल्टे फार्मूले पर चलते हुए दिख रही है। समाजवादी पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वो नगर निकाय चुनाव में जीती सभी प्रत्याशियों को दोबारा मैदान में उतारेगी।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और खतौली विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद सपा की शुक्रवार को लखनऊ में बड़ी बैठक हो रही है। इसमें नगर निकाय चुनाव के संभावित उम्मीदवारों के नामों को लेकर अखिलेश यादव चर्चा करने वाले हैं। पहले से तैयार संभावितों की सूची पर अखिलेश यादव चर्चा करेंगे। संकेत हैं कि आचार संहिता लागू होते ही समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों की सबसे पहले लिस्ट जारी कर देगी, ताकि उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा चुनाव प्रचार के लिए मौका मिले। सपा के निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष चेयरमैन का टिकट नहीं कटेगा। समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि मौजूदा सभी विजेताओं को टिकट दिया जाएगा। हारी हुई सीटों और जीतने की संभावित सीटों को लेकर भी एक सूची तैयार की जाएगी।
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