Thursday, November 21, 2024
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धनतेरस से भाई दूज तक की तिथियाँ व शुभ मुहूर्त जाने ज्योतिषाचार्य राजीव अग्रवाल के साथ

देहरादून: हिन्दू धर्म दीपावली खुशियों का त्योहार हर साल की तरह इस साल 2023 में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा । दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है हर लोग इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं । हर साल दीपावली के मौके पर दीपोत्सव का यह पर्व पूरे पांच दिनों तक मनाया जाता है । जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है । धनतेरस का पर्व छोटी दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है । पंचांग के मुताबिक, धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर महाराज की पूजा-अर्चना की जाती है साथ ही किसी भी वस्तु की खरीदारी के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है ।

ज्योतिषाचार्य राजीव अग्रवाल ने बताया कि हर साल दीपावली व धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुना बढ़ोतरी होती है इसी वजह से लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की चीजें भी खरीदते हैं ।

कब है धनतेरस –
धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनया जाता है इस साल धनतेरस की तिथि 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12:35 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01:57 बजे समाप्त होगी । बता दें कि धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा होती है , इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को ही मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस दिन धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:02 बजे से रात 08:00 बजे तक रहेगा । यानी पूजा के लिए आपके पास करीब 01 घंटा 58 मिनट तक का समय रहेगा ।

धनतेरस पूजा विधि –
धनतेरस के दिन शाम के समय यानी प्रदोष काल के दौरान शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि देव की मूर्ति स्थापित करें। कुबेर और धन्वंतरि देव के साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश जी की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें । गणेश जी,मां लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि देव की कृपा पाने के लिए दीप प्रज्वलित करें और विधि-विधान से पूजा शुरू करें । सबसे पहले सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाएं और इसके बाद धूप, दीप, पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें । कुबेर देवता को सफेद रंग की मिठाई और धन्वंतरि देव को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। धनतेरस पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ मंत्र का जाप करते रहें. इससे कुबेर जल्दी ही आपसे पसन्न हो जाएंगे । भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें. इससे आप पर सदैव उनकी कृपा बनी रहेगी ।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त धनतेरस के मौके पर लोगों के लिए सोना-चांदी और बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस साल 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय दोपहर 02:35 बजे से 11 नवंबर 2023 की सुबह 06:40 बजे तक रहेगा. इसके अलावा यदि आप इस समय खरीदारी से चूक जाते हैं, तो आप 11 नवंबर को सुबह 06:40 बजे से लेकर दोपहर 01:57 बजे के बीच खरीदारी कर सकते है ।

1 :- धनतेरस: 10 नवंबर, 2023 त्रयोदशी –
धनतेरस एक खुशी का त्योहार है जो धन, समृद्धि और दिवाली की शुभ शुरुआत का जश्न मनाता है। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और सोना-चांदी खरीदते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

2 :- छोटी दीपावली : 11 नवंबर, 2023 चतुर्दशी –
छोटी दिवाली मुख्य भव्य त्योहार के लिए मंच तैयार करती है, जो अगले दिन होता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, रंग-बिरंगी रंगोली बनाते हैं और तेल के दीपक जलाते हैं।

3 :- दीपावली : 12 नवंबर, 2023 अमावस्या –
दीपावली के मुख्य दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने परिवारों के साथ प्रार्थना और पूजा के लिए इकट्ठा होते हैं। पूजा या पूजा महूरत के लिए सबसे शुभ समय शाम 05:40 बजे से शाम 07:36 बजे तक है। उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान दिवाली समारोह का एक अभिन्न अंग है। दीयों और आतिशबाजी से रात में आसमान जगमगा उठता है और लोग विशेष व्यंजनों और मिठाइयों का आनंद लेते हैं।

4 :- गोवर्धन पूजा और पड़वा: 13 नवंबर, 2023 प्रतिपदा –
गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के दिव्य हस्तक्षेप का जश्न मनाती है। भक्त चावल और मिठाई जैसे खाद्य पदार्थों का उपयोग करके गोवर्धन हिल की प्रतिकृति बनाते हैं। गोवर्धन पूजा पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ प्रथाओं के महत्व पर भी जोर देती है। पड़वा पति-पत्नी के बीच एक बंधन का उत्सव है। इस दिन पति अपनी पत्नियों के लिए उपहार खरीदते हैं। लोग अपने व्यवसाय के लिए नए खाते भी शुरू करते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

5 :- भाई दूज: 14 नवंबर, 2023 द्वितीया –
भाई दूज एक विशेष दिन है जो भाइयों और बहनों के बीच खूबसूरत बंधन का जश्न मनाता है। यह भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए प्यार, कृतज्ञता और आशीर्वाद व्यक्त करने का समय है।

नोट :- जीवन मे आ रही परेशानी व कुंडली सम्बन्धी किसी भी परेशानी के लिए सम्पर्क करें ।

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