देहरादून: गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाती है गणेश चतुर्थी, इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थ का व्रत रखा जाता है। भारत के महाराष्ट्र में यह पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें, गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश/ बप्पा की पूजा 9 दिनों तक पूरी विधि-विधान से की जाती हैं। अधिकांश घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करके सुबह – शाम पूजा आराधना की जाती है। ऐसा कहा जाता है, कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। कुछ जगहों पर गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी पुकारा जाता हैं।
तो आइए जानें गणेश चतुर्थी की तिथि और पूजा करने का शुभ मुहूर्त।
गणेश चतुर्थी पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। इस बार यह पर्व 30 अगस्त दिन मंगलवार को से दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर 31 अगस्त दोपहर 3 बजकर 22 मिनट को समाप्त हो जाएगा। क्योंकि भारत में सूर्य के अनुसार सारे कार्य किए जाते हैं, इसलिए गणेश चतुर्थी का व्रत इस बार 31 अगस्त को रखा जाएगा। गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त- 31 अगस्त 2022 समय- 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा । पंचाग के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए आपको 2 घंटे 33 मिनट मिलेंगे। आपको बता दें, इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के अनुसार यह योग मांगलिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ योग है ।
गणेश जी विराजमान के लिए नियम
-गणेश जी को संकल्पपूर्वक अपने घर में आने के लिए निमंत्रण दें।
-उन्हें श्रद्धा भाव से लेकर आए, घर आने पर फूलों से उनका स्वागत करें।
-विशेष स्थान पर उन्हें विराजमान कर धूप, दीप, नैवेद्य, आरती से उनकी पूजा करें।
उसके पश्चात प्रतिदिन सुबह-शाम की आरती, भोग, प्रसाद की व्यवस्था करें। जितने दिनों के लिए आप गणेश जी को लाए हैं, उसके बाद विशेष आयोजन के द्वारा उन्हें नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। घर से मंगलगान गाते हुए पुष्प वर्षा करते हुए भगवान गणेश को आदरपूर्वक विदा करें और अगले साल आने के लिए पुनः कहें। हालांकि भारतीय संस्कृति में गणेश जी का विसर्जन करना उचित नहीं है। यद्यपि सब लोग विसर्जन करते हैं, लेकिन यह परंपरा सही नहीं है। गणेश जी को लाने के पश्चात उनको स्थाई रूप से घर में निवास करना कराना चाहिए।
राजीव अग्रवाल ज्योतिषाचार्य
ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र इटावा
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