देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चार धाम यात्रा का संचालन 3 मई से शुरू होगा। कोरोना (Corona) की वजह से पिछले 2 साल से यात्रा का सफल संचालन नहीं हो पा रहा था, लेकिन इस बार यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार के पास व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए 1 महीने का वक्त बचा है। 3 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलेंगे और 6 मई को बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खेल दिए जाएंगे. वहीं 8 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे। उससे पहले सरकार और शासन द्वारा यात्रा मार्गो समेत मंदिरों में हर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि नई सरकार का संदेश देशभर में बेहतर जा सके।
चारधाम यात्रा संचालन के लिए जितनी जिम्मेदारी सरकार और शासन की है उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदारी मंदिर समिति के लोगों की भी है। क्योंकि पूजा -पाठ से लेकर हर व्यवस्थाओं को देखने की जिम्मेदारी मंदिर समिति के लोग के पास ही होती है। ऐसे में केदार बद्री मंदिर समिति ने भी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों से यात्रा का संचालन नहीं हो पाया था। वही देवस्थानम बोर्ड को लेकर भी प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ था। लेकिन इस बार ना तो देवस्थानम बोर्ड को लेकर झगड़ा है, और ना ही कोरोना का खतरा है ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार पटरी से उतरी चार धाम यात्रा फिर से सुचारू हो पाएगी। वही चार धाम यात्रा न होने की वजह से जिन लोगों का व्यवसाय ठप था वह भी उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बता दें कि यात्रा सीजन से पहले 25 अप्रैल तक विभागों को सभी तैयारियां दुरुस्त करने के निर्देश दिये गए है। खासकर यात्रा की शुरुआत से पहले यात्रा मार्गो पर डेंजर पॉइंट, स्वास्थ्य सेवा,समेत सभी तैयारियां पूरी करनी होंगी। बता दें कि 3 मई को यमुनोत्री ओर गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। जबकि 6 मई को केदारनाथ और 8 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
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