यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (United Forum of Bank Unions-UFBU) ने दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे।
देहरादून: Bank Strike-सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते सोमवार और मंगलवार को देश भर में बैकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और लोन मंजूरी जैसी सर्विस पर असर पड़ सकता है। जिससे आम जनता को परेशानी हो सकती है।
9 बैंक यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (United Forum of Bank Unions-UFBU) ने दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल (Bank Strike) में भाग लेंगे।
ये यूनियन होंगी हड़ताल में शामिल
यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (NCBE), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) और बैंक इम्प्लॉइज कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (BECI) आदि शामिल हैं।
इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (INBEF), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) और नेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक आफीसर्स (NOBO) भी हड़ताल में शामिल हैं।
बजट में प्राइवेटाइजेशन की घोषणा
पिछले महीने पेश किए गए केंद्रीय बजट (Budget 2021) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।
14 बैंकों का हो चुका है मर्जर
केंद्र सरकार साल 2019 में ही LIC में IDBI Bank का हिस्सा बेच चुकी है। इसके साथ ही पिछले 4 सालों में 14 सार्वजनिक बैंकों का मर्जर किया है। अभी देश में 12 सरकारी बैंक हैं। उसके बाद इनकी संख्या घटकर 10 रह जाएगी। दो बैंकों का निजीकरण इस साल प्रस्तावित है।
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