सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने ट्वीट किया कि- 1 अप्रैल 2022 से सरकारी विभाग अपने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल नहीं करा पाएंगे।
दिल्ली: सरकारी विभाग 1 अप्रैल, 2022 से अपने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन (Registration of 15 year old government vehicles) का रिन्युअल नहीं करा पाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने यह प्रस्ताव किया है। अगर इसे आखिरी रूप दे दिया जाता है, तो यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. पीटीआई की खबर के अनुसार, मंत्रालय ने इस बारे में नियमों में संशोधन के लिए नोटिफिकेशन जारी कर अंशधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं।
मंत्रालय ने ट्वीट किया
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एक बार इस प्रस्ताव को मंजूरी के बाद यह नियम सभी सरकारी गाड़ियों- केंद्र और राज्य सरकार, संघ शासित प्रदेश, सार्वजनिक उपक्रमों, नगर निकायों और स्वायत्त निकायों के लिए लागू होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ट्वीट किया कि- 1 अप्रैल 2022 से सरकारी विभाग अपने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल नहीं करा पाएंगे। यह नियम केंद्र, राज्य, संघ शासित प्रदेश, सार्वजनिक उपक्रमों, नगर निकायों और स्वायत्त निकायों के लिए लागू होगा।
MORTH has issued a draft notification proposing that registration of motor vehicles owned by Central Govt, State/UT Govts, Local Govt institutions, PSUs, State Transport Undertakings, Autonomous bodies with Central / State Govts, will not be renewed after 15 years. pic.twitter.com/UbK3vS6bzv
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) March 13, 2021
वाहन कबाड़ नीति की हाल में हुई है घोषणा
1 फरवरी को पेश आम बजट में सरकार ने वाहन कबाड़ नीति (Scrappage Policy) की घोषणा की है। इसके तहत निजी वाहनों का 20 साल बाद और वाणिज्यिक वाहनों का 15 साल पूरे होने पर फिटनेस परीक्षण कराना जरूरी है। मंत्रालय ने नियमों के मसौदे पर नोटिफिकेशन 12 मार्च को जारी की है। इस पर अंशधारकों से 30 दिन में टिप्पणियां, आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
कार हो जाएगी और सेफ
भारत सरकार कार में फ्रंट एयरबैग को जरूरी बनाने जा रही है। कार में सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार यह फैसला लेने जा रही है। परिवहन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय के पास इस बारे में एक प्रस्ताव भेजा था कि फ्रंट एयरबैग के नोटिफिकेशन को मंजूर किया जाए। कानून मंत्रालय ने ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। अब ज्यादातर कार निर्माता कंपनी टॉप मॉडल में एयरबैग लगाकर देती हैं। हालांकि, ज्यादातर कारों में केवल ड्राइवर सीट पर ही एयरबैग लगा होता है। अब फ्रंट पर बैठने वाली ड्राइवर के साथ वाली सवारी के लिए भी एयरबैग अनिवार्य हो रहा है।
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