बरेली: उत्तर प्रदेश में बरेली की एक अदालत ने दो मार्च 2010 में हुए बवाल मामले में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों द्वारा कार्रवाई न करने पर स्वत: संज्ञान लेते हुये इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खॉ ( Maulana Tauqeer) को 11 मार्च को समन जारी कर तलब किया है। कोर्ट ने अफसरों पर भी तल्ख टिप्पणी कर आदेश की कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी है।
एडीजीसी दिगम्बर पटेल ने बताया की अपर सत्र न्यायाधीश /त्वरित न्यायालय प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने मंगलवार शाम जारी आदेश में कहा है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 319 में वर्णित शक्तियों का प्रयोग करते हुये अभियुक्त आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खाँ ( Maulana Tauqeer) निवासी मोहल्ला सौदागरान बरेली के विरूद्ध संज्ञान अंतर्गत धारा 147, 148, 149, 307, 436, 332, 336, 427, 152, 153, 295, 397, 398, सपठित धारा 120बी भारतीय दण्ड संहिता, 1860, धारा 7 सीएल एक्ट तथा धारा 3 लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम लिया जाता है।
कोर्ट ने कहा कि तात्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र, पुलिस महानिरीक्षक जोन, तात्कालीन जिलाधिकारी बरेली तथा तत्कालीन कमिश्नर बरेली व शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों द्वारा विधिक रूप से कार्य न कर सत्ता इशारे पर बरेली 2010 दंगे के मुख्य मास्टर माइन्ड मौलाना तौकीर रजा का सहयोग किया गया।
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