देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने सचिवालय में अधिकारियों – कर्मचारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण करते हुए सभी को 76वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर हम कुछ न कुछ प्रण जरूर करते हैं, शहीदों को याद करते हैं साथ ही उन महापुरूषों को भी याद करते हैं जिन्होंने काफी संघर्ष करते हुए हमें आजादी दिलाई, उनसे हमें प्रेरणा भी मिलती है कि उन लोगों ने हमारे लिए इतना कुछ सहन किया एवं बलिदान दिया। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी देश के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत पूरे देश में ऐसा माहौल बन गया है कि तिरंगा सिर्फ हर घर में ही नहीं बल्कि हर हाथ में है और मैं यह मानता हॅू कि हर दिल में भी तिरंगा है। 75वर्ष किसी भी देश की आजादी के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 सालों को अमृतकाल का समय बताया है, वर्तमान से लेकर 2047 तक इस देश को हमें कहां ले जाना है, उसकी योजना बनानी है एवं उस योजना को हमें धरातल पर उतारना है। केवल योजना बनाने से काम नहीं होता, जब तक हम उसे धरातल पर नही उतारते। इसके लिए सचिवालय परिवार के हर एक सदस्य का योगदान अपेक्षित है।
मुख्य सचिव ने सचिवालय परिवार की कार्यक्षमता पर विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि हम सभी एक टीम के रूप में उसे पूर्ण अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में हर तरफ तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा है, चाहे सड़के हो, टीवी हो या फिर आपका मोबाईल हो चारो ओर तिरंगा है, पूरा देश इस तिरंगे के जश्न में तथा इस आजादी के जश्न में डूब गया है। क्या हर वर्ष की तरह हम केवल विशेष अवसर पर ही तिरंगा फहरायेंगे और फिर उसे भूल जायेंगे। इस जश्न में हम कुछ न कुछ प्रण लें कि अपने देश को और अच्छा बनाने के लिए कुछ विशेष कार्य करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि हम सभी ने बचपन से तिरंगे के विषय में पढ़ा है जाना है, परन्तु आज जब सुनामी की तरह पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है, तो फिर से तिरंगे के विषय में जानने की आवश्यकता है। तिरंगे का केसरिया रंग हिम्मत का, बलिदान का एवं जोश का प्रतीक है। आजादी से पहले इसका काफी महत्व था, क्योकि अंग्रेजी हुकूमत का अत्याचार चारो तरफ था और हर तरफ आजादी के लिए आंदोलन हो रहे थे। परन्तु आजादी के बाद आज भी केसरिया का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी देश को बलिदान की जरूरत है पर बलिदान की परिभाषा बदल गई है। आज भी हमें उतनी ही हिम्मत चाहिए। सचिवालय के संदर्भ पर बात की जाए तो आज भी कई निर्णयों पर बहुत हिम्मत की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ स्वार्थी लोग अपने पक्ष में निर्णय करने हेतु काफी दबाव डलवाते हैं। हर निर्णय में हमें भारत प्रथम, उत्तराखण्ड प्रथम का मंत्र याद रखना चाहिए। दूसरा रंग सफेद शांति एवं सत्य का प्रतीक है। आज के दौर में सचिवालय के संदर्भ में शांति से अभिप्राय यह है कि जो समाज का निचला तबका है उन सब के मन की शांति एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए हम क्या अच्छा से अच्छा कार्य कर सकते हैं। शासन में उचित निर्णय लेने में देरी, गरीब वंचितों के लिए प्रताड़ित करने जैसा ही है। हमें हमेंशा सतर्क होने की आवश्यकता है। हम सभी शासन के उच्च स्तर में है हम सभी का कर्तव्य है कि पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, जिससे पिछड़ा समाज परेशान न हो। तिरंगे का हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है। वर्तमान में भी हमें शासन के तौर पर यह देखना चाहिए कि हमारा निर्णय ऐसा होना चाहिए कि गरीबों की मदद हो सके और उनके जीवन में खुशहाली आ सके। हमारे तिरंगे का अशोक चक्र जिसे धर्म चक्र भी कहते हैं। इससे तात्पर्य है कि हमें हर कार्य में धर्म को अवश्य याद रखना चाहिए। धर्म क्या है यह आप सभी जानते हैं, क्या सही है क्या गलत यह जानना ही सही मायने में धर्म है।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमें समय एवं परिवर्तन के साथ खुद को भी बदलना है। अगले 25 सालों के लिए देश के लिए योजना बन रही है। प्रदेश के लिए भी हमें योजना बनानी है। केवल विजन ही नही चाहिए, मिशन भी चाहिए। विजन में हमने यह देखना है कि अगले 25 सालों में प्रदेश को कहां ले जाना है मिशन में हमें दिल दिमाग और आत्मा के साथ काम करना है, तभी यह तिरंगे का सच्चा सम्मान होगा। केवल यह लम्बा इवेंट बनकर न रह जाए। हम सभी मिलकर कार्य करेंगे अपने तन मन धन से इस देश को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।