देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिटिल स्कॉलर्स स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1983 में स्व.मेजर शिवनाथ भल्ला जी ने इस विद्यालय के रूप में जिस पौधे की नींव रखी थी, वह आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य परिवार में जन्मे मेजर शिवनाथ भल्ला जी ने पहले तो एक सैनिक के रूप में देश की सेवा की है और फिर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनके भविष्य को संवारने के लिए लिटिल स्कॉलर्स विद्यालय की नींव रखी। कठिन परिश्रम और संघर्षों से भरा भल्ला जी का जीवन और पुरुषार्थ हम सभी के लिये प्रेरणादायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और हमारे उत्कृष्ट समाज के निर्माण में शिक्षा और गुरु का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं, इसके साथ ही हमारी संस्कृति में गुरु या शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा मात्र नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है, एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है, इसीलिए हमारे यहां शिक्षक और बच्चों के बीच प्रोफेशनल रिश्ता नहीं होता, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है और ये रिश्ता, ये संबंध जीवन भर का होता है।
मुख्यमंत्री (CM) पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति बचपन से जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार प्राप्त करता है, उससे न केवल उसके परिवार का बल्कि समाज और देश का चरित्र भी निर्मित होता है। उन्होंने कहा कि प्यारे बच्चो, हम अपना कल कैसा चाहते हैं इसके लिए हमें अपने आज पर काम करना होगा। हमारा भविष्य कैसा होगा, यह हमारा वर्तमान तय करता है। उन्होंने कहा कि लिटिल स्कॉलर्स विद्यालय में आज उस भविष्य को गढ़ने की नींव रखी गई है, जो कल के उत्कृष्ट उत्तराखंड और नए भारत का आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्तमान समय के अनुसार नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे। इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से युवा कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परख शिक्षा मिलेगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी । शोध एवंअनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है।