देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी ने महिला की आत्महत्या के मामले में हरिद्वार के गंगनहर थाना पुलिस की विवेचना में ठोस साक्ष्य संकलन न करने व जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डीआइजी गढ़वाल को निर्देशित करते हुए केस की पुनर्विवेचना पुलिस अधीक्षक ग्रामीण से कराते हुए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। गंगनहर थाना क्षेत्र निवासी कविता ने 27 अगस्त, 2018 को ससुराल में आत्महत्या कर ली थी। उनके पिता राजकुमार निवासी जनकपुरी, मुजफ्फरनगर ने थाना गंगनहर में ससुराल पक्ष पर बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने व धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट लगाकर चार्जशीट न्यायालय को भेज दी।
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आपको बता दे 19 मार्च, 2021 को मृतका के पिता राजकुमार ने डीजीपी से मुलाकात कर मुकदमे की पुनर्विवेचना कराने को प्रार्थना पत्र दिया। डीजीपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए विवेचक को पुलिस मुख्यालय में बुलाया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि महिला की मृत्यु शादी के सात वर्ष के भीतर हुई थी। दहेज हत्या के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जानी चाहिए थी। इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने और जांच न करने के चलते डीजीपी अशोक कुमार ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्यवाही के निर्देश दिए है। उन्होंने यह भी कहा है की पुलिस जनता के प्रति अपने सज्जनता से पेश आये।