दिल्ली: परिवहन व्यवस्था किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारे देश में भी परिवहन के तीन प्रमुख माध्यम है, जिनमें सड़क, रेल, वायु और जलमार्ग शामिल हैं। इन चार प्रमुख साधनों में सबसे महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को माना जाता है। सड़क मार्ग से लोगों के आने-जाने के अलावा भारी संख्या में सामानों की ढुलाई होती है। ऐसे में बेहतर सड़कें होना लोगों की सहूलियत के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन सामान्य सड़कों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी कई जगहों पर गड्ढे होते हैं, इन गड्ढों से आम लोगों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित होती ही है, इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाली तेज रफ्तार गाड़ियां दुर्घटना का शिकार भी हो जाती हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सड़क एवं परिवहन सेक्रेटरी ने देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से गड्ढों को भरने का आदेश दिया है।
गड्ढों को भरने के लिए कैंपेन
सड़क एवं परिवहन सेक्रेटरी ने विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मिशन मोड में कैंपेन चला कर देश के सभी राजमार्गों के गड्ढों को भरा जाए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढे होने से अंजान मुसाफिरों को सबसे अधिक कठिनाई होती है, ये लोग इन रास्तों से कभी नहीं गुजरे होते हैं, जिससे इनके साथ दुर्घटनाएं होने की सबसे ज्यादा संभावनाएं होती हैं।
राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास पर विशेष ध्यान
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2028-29 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में सड़कों के अधिक विस्तार से इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी मजबूती मिलेगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने देश में न केवल सड़कों का विस्तार करने का कार्य किया है बल्कि इस क्षेत्र में कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं।
रिकॉर्ड 1.47 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण
बिते 8 साल में 1.47 लाख किलोमीटर तक सड़कों का विस्तार हुआ है। इसमें एक दिन में सबसे अधिक सड़क बनाने के रिकॉर्ड से लेकर 05 घंटे और 33 मिनट में NH53 पर एक ही लेन में 75 किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तक शामिल हैं। साल 2014 में जहां देश में 91,000 किलोमीटर सड़कें थीं, वहीं साल 2022 में भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 1 लाख 47 हजार है, जो लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार अब साल 2025 तक 2 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। फिलहाल भारत में राजमार्गों की लंबाई में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत किस प्रकार तेज गति से हाईवे बनाने के अपने रिकॉर्ड को लगातार सुधार रहा है। देश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के संबंध में पीएम मोदी कहते हैं कि “हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात, जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है। ईज ऑफ लिविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देना जरूरी है।”
पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत बनी 3.27 लाख किलोमीटर सड़कें
सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) का ही विस्तार नहीं बल्कि बीते 8 साल में पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 3.27 लाख किलोमीटर सड़कें बनी। इससे 99% से अधिक गांव पक्की सड़क से जुड़े। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई तेजी से बढ़ी है। नई बुलंदियों को छू रही हाइवे निर्माण की गति पिछले 8 साल में 12 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर अब 29 किलोमीटर प्रतिदिन हुई है।
पिछले कुछ साल में नेशनल हाईवे के निर्माण की गति
2009 से 2014 के बीच भारत ने हर साल औसतन 4 हजार 9 सौ 18 किमी नेशनल हाईवे का निर्माण किया। इस दौरान भारत ने करीब 12 किमी प्रतिदिन की गति से ये निर्माण किया। वहीं 2014 से 2021 के बीच भारत ने औसतन हर साल 8 हजार 9 सौ 93 किमी हाईवे बनाया। वहीं हाईवे बनाने की गति बढ़कर प्रतिदिन 29 किमी हो गई। बताना चाहेंगे वर्ष 2020-21 में भारत ने 11 हजार किलोमीटर हाईवे निर्माण का लक्ष्य रखा था, जबकि भारत ने इस अवधि में लक्ष्य से ज्यादा 13 हजार 3 सौ 27 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया और प्रतिदिन निर्माण की गति बढ़कर 37 किलोमीटर तक जा पहुंची। जाहिर है केंद्र सरकार और लाखों कर्मचारियों के अथक प्रयासों से देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है और अब इन गड्ढों को भर देने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियां फर्राटे भरते हुए नजर आएगी।
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