Uttarakhand: तपोवन टनल में 120 मीटर खुदाई के बाद तीन शव मिले हैं। प्रशासन का कहना है कि सर्च ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा। इसी बीच मौसम विभाग का कहना है कि 14-16 फरवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा। बारिश की भी संभावना जताई गई है। ऐसे में रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ सकती है।
चमोली: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले मे स्थित तपोवन टनल में 120 मीटर खुदाई के बाद रविवार को एक और शव मिला। आज अब तक तीन शव निकाले गए है, जिसमें एक इलेक्ट्रीशियन है। वही 165 लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। खुदाई का काम अब ओर तेज कर दिया गया है। चमोली जिले की डीएम स्वाति भदोरिया का कहना है कि टनल मेंं रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज किया जाएगा। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक 14 से 16 फ़रवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा। बारिश की भी संभावना बताई जा रही है, ऐसे में रेस्क्यू टीम की मुश्किलें बढ़ सकती है।
उत्तरखंड (Uttarakhand) के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आज दो शव टनल से निकाले गए। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। NDRF अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश करेगा।
आज सुबह क़रीब 5 बजे पहला शव और 6 बजे दूसरा शव मिला, संभावना है कि ये शव हादसे वाले दिन के हैं। उम्मीद कम है, आगे तक मलबा है। हम टनल को खोलना जारी रखेंगे: अशोक कुमार, उत्तराखंड के डीजीपी pic.twitter.com/QGW5sGidLN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 14, 2021
ऋषिगंगा अपर स्ट्रीम झील से फिलहाल कोई खतरा नहीं
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा के बाद ऋषि गंगा की अपर स्ट्रीम में बनी झील से फिलहाल कोई भी खतरा नहीं है। इस झील से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है। इस झील के सामने आने से खतरे की आशंका जताई गई थी। एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने इसकी जांच की, टीम ने झील की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झील का स्थलीय निरीक्षण कर आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है।
झील के किनारे लगेगा वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम
डीजीपी ने झील के किनारे वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी लगाने की बात कही है। ये सिस्टम तब यूज में आएगा जब झील से कोई बड़ा खतरा बन रहा हो तो सिस्टम ओटोमेटिक अलार्म देकर लोगों को अलर्ट करेगा। ये सिस्टम पेंग गावं, रैणी और तपोवन में लगाया जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि जब तक अलार्म सिस्टम नहीं लगता है तब तक एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, जो अलार्मिंग सिस्टम का काम करेंगीं। टीम तीनों गांव में रहेगी।
उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में बीते रविवार 7 फरवरी को ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर फटने से भीषण तबाही हुई थी। बाढ़ से कई गांवों में तबाही मच गई। इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
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