देहरादून: प्रदेश (Uttarakhand) में नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ अब हाईटेक तरीकों का सहारा लेगी भांग और अफीम की खेती पर सैटेलाइट से नजर रखी जाएगी। इस संबंध में एनसीबी के साथ एसटीएफ के अधिकारी जल्द बैठक करेंगे सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर एनसीबी और एसटीएफ संयुक्त रूप से संबंधित क्षेत्र में कार्रवाई करेंगे।
पिछले दिनों एनसीबी (नाकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरी और उत्तराखंड एसटीएफ के बीच तकनीक का आदान प्रदान करने के लिए बैठक हुई थी। बात थी कि एनसीबी की मदद से एसटीएफ नशे के धंधों पर लगाम लगाएगी इसी क्रम में अब सैटेलाइट इमेजिंग की बात की जा रही है। दरसअल, प्रदेश के प्रदेश में भांग और अफीम की बड़े पैमाने पर अवैध खेती होती है।
41 लोगों पर हुआ था सिंथेटिक ड्रग के खिलाफ भी होगी कार्रवाई मुकदमा पुलिस अभी तक मैन्युअल निगरानी करती है। इसकी बदौलत कई बार बड़ी कार्रवाई भी की गई त में पिछले दिनों 41 लोगों के खिलाफ एक स्वमुकदमा दर्ज किया गया था। यह सब लोग इस तरह की नशीली खेतों में लिप्त थे।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि प्रदेश (Uttarakhand) में गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्रों और कुमाऊ के कई क्षेत्र में यह अवैध खेती होती है। समय-समय पर पुलिस कार्रवाई भी करती है। लेकिन, लगातार निगरानी न होने के कारण बड़ी मछलियां पुलिस के घेरे में नहीं आ पाती है। इसीलिए अब निगरानी तंत्र विकसित किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस और एसटीएफ इन क्षेत्र विशेष के निर्देशांक के खिलाफ भी एनसीबी और एसटीएफ साथ मिलकर बड़ा तंत्र विकसित करने जा रहे हैं। इसके तहत बरेली और इसके आसपास वाले क्षेत्रों में एनसीबी के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एनसीबी कुछ तकनीकों को भी एसटीएफ के साथ साझा करेगी । इसके बाद इन तमाम क्षेत्रों की इमेजिंग की जाएगी। समय-समय पर इमेजिंग किए जाने पर यहां की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेंगी।
इस पर अंकुश लगाने के लिए ही इस तकनीक (कॉर्डिनेट्स) एनसीबी को उपलब्ध कराएगी जाकर कार्रवाई की गई है।
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